बांग्लादेश की यूनुस सरकार पूर्व पीएम शेख हसीना को फंसाने के लिए हर रोज नए पैंतरा अजमा रही है। बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद देश छोड़कर भारत आईं हसीना को यूनुस सरकार वापस लाना चाहती है। हाल ही में इसके लिए बांग्लादेश सरकार ने भारत को एक पत्र लिख हसीना को वापस भेजने के लिए कहा था।
अब बांग्लादेश इंटरनेशनल क्राइम ट्राइब्यूनल (ICT) के चीफ प्रॉसीक्यूटर मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने कहा कि मानवता की गुनहगार शेख हसीना को एक साल के अंदर सजा सुना दी जाएगी।
शेख हसीना पर मुकदमा चलाने का निर्देश
दरअसल, फोरम फॉर बांग्लादेश स्टडीज की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में ताजुल इस्लाम ने कहा कि मोहम्मद यूनुस ने कुछ प्राथमिकताएं तय की हैं। उन्होंने दावा किया अंतरिम सरकार के मुखिया ने निर्देश दिया है कि देश में हुई हत्याओं को करवाने वालों के खिलाफ जल्द से जल्द मुकदमा होना चाहिए।
हसीना ने करवाई छात्रों की हत्या
ताजुल ने कहा कि जुलाई में शुरू हुए छात्रों के आंदोलन को खत्म करने के लिए उनकी हत्याएं करवाई गईं और इसमें शेख हसीना का ही हाथ था। उन्होंने कहा कि पहले हम इस मामले में हसीना और उसके साथियों के खिलाफ केस फाइनल करेंगे और फिर सजा की बात होगी।
यूनुस सरकार ने भारत को लिखा पत्र
हाल ही में बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने भारत को पत्र लिख शेख हसीना को वापस भेजने की मांग की। बांग्लादेश सरकार ने कहा कि हसीना ने कई छात्रों की हत्याएं करवाई हैं और वो इसकी दोषी है। सरकार ने भारत से हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है।
वहीं, ढाका की अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने कहा कि हसीना ने मानवता के खिलाफ अपराध किया है और इसी कारण उनपर और उनकी कैबिनेट में शामिल मंत्रियों, सलाहकारों और सैन्य एवं प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।
ये प्रतिशोध की राजनीतिः संजीब वाजिद
शेख हसीना के बेटे संजीब वाजिद ने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार अवामी लीग के नेताओं को फंसाकर प्रतिशोध की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके चलते न्यायालय का भी दुरुपयोग किया जा रह है। वाजिद ने कहा कि हम अपनी मांग दोहराते हुए यही कहते हैं कि छात्रों के आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, जिससे सब कुछ साफ हो जाएगा।
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