ट्रोइका सदस्य के रूप में बैठक में बोलते हुए विदेश मंत्री ने वैश्विक शासन सुधार के तीन प्रमुख क्षेत्रों – संयुक्त राष्ट्र और उसके सहायक निकायों में सुधार; अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना में सुधार और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली में सुधार की मांग दोहराई।
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने 25 सितंबर 2024 को न्यूयॉर्क में जी20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए। यह बैठक ब्राजील की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी और यह ब्राजील की अध्यक्षता में विदेश मंत्रियों की दूसरी बैठक थी। यह बैठक संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर हुई। ट्रोइका सदस्य के रूप में बैठक में बोलते हुए विदेश मंत्री ने वैश्विक शासन सुधार के तीन प्रमुख क्षेत्रों – संयुक्त राष्ट्र और उसके सहायक निकायों में सुधार; अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना में सुधार और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली में सुधार की मांग दोहराई।
जी-20 की दूसरी विदेश मंत्रियों की बैठक में एस जयशंकर ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों की जोरदार वकालत की। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि, संयुक्त राष्ट्र अतीत का कैदी बना हुआ है। दुनिया एक स्मार्ट, आपस में जुड़ी और बहुध्रुवीय क्षेत्र में विकसित हो गई है। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के बाद से इसके सदस्यों की संख्या चार गुना बढ़ गई है। फिर भी संयुक्त राष्ट्र अतीत का कैदी बना हुआ है। उन्होंने कहा कि, इसका परिणाम ये हुआ है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अंतर्राष्ट्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने में संघर्ष करती दिख रही है। जिससे उसकी प्रभावशीलता और विश्वसनीयता कम होती जा रही है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक अन्य कार्यक्रम में लाटविया की विदेश मंत्री, गुयाना के विदेश मंत्री, डीवी वर्ल्ड के सीईओ, वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम के अध्यक्ष के साथ शिरकत की इस कार्यक्रम का आयोजन मशहूर थिंक टैंक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में वैश्विक अर्थव्यवस्था की चुनौतियों, अर्थव्यवस्था के लोकतंत्रीकरण, कनेक्टिविटी बढ़ाने आदि मुद्दों पर चर्चा हुई ताकि सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल किया जा सके।
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