भारतवर्ष में 10 दिनों तक चलने वाला गणेश महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि (Ganesh Chaturthi 2024) से गणेश उत्सव की शुरुआत होती है। ऐसे में इस साल यह पर्व शनिवार 07 सितंबर को मनाया जाएगा। गणेश उत्सव के दौरान गणेश जी पूजा-अर्चना के दौरान भी कई नियमों का ध्यान रखा जाना जरूरी है।
कुछ ही दिनों को बप्पा का घर आगमन होने वाला है। गणेश चतुर्थी पर घर में विधि-विधान पूर्वक गणेश जी की मूर्ति स्थापित की जाती है और 10वें दिन यानी अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी का विसर्जन किया जाता है, जिसे हम लोग गणेश विसर्जन के रूप में भी जानते हैं। तो चलिए जानते हैं गणेश जी की पूजा के दौरान उन्हें कौन-सी चीजें अर्पित नहीं करनी चाहिए, वरना इससे गणपति जी रुष्ट हो सकते हैं।
गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त (Ganesh Chaturthi Shubh muhurat)
हिंदू पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद की चतुर्थी तिथि 06 सितंबर, 2024 से दोपहर 03 बजकर 01 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं चतुर्थी तिथि का समापन 07 सितंबर को शाम 05 बजकर 37 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, गणेश चतुर्थी शनिवार, 07 सितंबर को मनाई जाएगी इस दिन गणेश जी की पूजा का मुहूर्त इस प्रकार रहने वाला है –
मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 03 से दोपहर 01 बजकर 34 मिनट तक
बिल्कुल भी न करें ये गलती
गणेश जी को कभी भी तुलसी के पत्ते अर्पित नहीं करने चाहिए। इसे लेकर पौराणिक कथा मिलती है कि तुलसी ने गणेश जी को श्राप दिया था। यही कारण है कि गणपति जी की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल नहीं किया जाता।
न चढ़ाएं इस रंग की चीजें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार चंद्रदेव ने भगवान गणेश का मजाक बनाया था, जिसके क्रोधित होकर गणेश जी ने उन्हें श्राप दे दिया था। इसलिए गणपति जी को सफेद रंग (चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है) की चीजें जैसे सफेद फूल, वस्त्र, सफेद जनेऊ, सफेद चंदन आदि अर्पित नहीं करने चाहिए।
इन बातों का भी रखें ध्यान
गणेश उत्सव के दौरान गणेश जी की पूजा करते समय ध्यान रखें कि बप्पा को मुरझाए या फिर सूखे फल न चढ़ाएं। इसी के साथ इस बात का भी ध्यान रखें कि पूजा में टूटे हुए चावलों का उपयोग नहीं करना चाहिए। इसी के साथ केतकी के फूल भी गणेश जी को अर्पित करना शुभ नहीं माना जाता।