एनएचएआइ देश के सभी टोल प्लाजा में एंबुलेंस उपलब्ध कराने की योजना पर काम कर रहा है। इस सिलसिले में एंबुलेंसों की खरीद के लिए निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में है। सड़क परिवहन मंत्रालय ने यह जानकारी संसद की स्थायी समिति को सड़क सुरक्षा के मसले पर दी है।
समिति की हाल में संसद में पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक सड़क परिवहन मंत्रालय को पूरे देश में हाईवे नेटवर्क में दुर्घटना के शिकार लोगों को तत्काल इलाज की सुविधा प्रदान करने के लिए एंबुलेंस कीक जरूरत का आकलन करना चाहिए। एंबुलेंस की कमी को दूर करने के लिए संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।
राजमार्गों पर केवल तीन सौ एंबुलेंस उपलब्ध
समिति की यह टिप्पणी इस लिहाज से अहम है, क्योंकि मंत्रालय ने उसे सूचित किया है कि इस समय राष्ट्रीय राजमार्गों पर केवल तीन सौ एंबुलेंस उपलब्ध हैं। यह कमी गोल्डल आवर यानी दुर्घटना के बाद पहले घंटे में हादसे के शिकार लोगों को चिकित्सकीय मदद उपलब्ध कराने में बड़ी अड़चन है।
समिति ने कहा है कि एंबुलेंस की तैनाती न केवल राष्ट्रीय राजमार्गों पर निश्चित अंतराल में बल्कि दुर्घटना बहुल और खासकर ब्लैक स्पाट के रूप में चिह्नित किए गए स्थानों पर अनिवार्य रूप से की जानी चाहिए। मंत्रालय ने समिति को आश्वासन दिया है कि उसकी सिफारिश और सुझाव नोट कर लिए गए हैं। मंत्रालय ने यह भरोसा भी दिलाया है कि नई एंबुलेंस की खरीद की प्रक्रिया तेज की जाएगी। मं
चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराना सबसे अहम
देश में केवल राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई डेढ़ लाख किलोमीटर से अधिक हो चुकी है और सड़क हादसों की जितनी गंभीर स्थिति है, उसे देखते हुए दुर्घटना के शिकार लोगों को तत्काल चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराना सबसे अहम है। समिति ने मंत्रालय और एनएचएआइ से यह भी कहा है कि वह एंबुलेंस की सेवा के संदर्भ में लोगों को अलग-अलग माध्यमों से सूचना भी उपलब्ध कराए।