दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी में मसाज पार्लर की आड़ में चल रही वेश्यावृत्ति पर रोक लगाने के लिए दिल्ली पुलिस को कड़े कदम उठाने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने पुलिस को इसके लिए सभी जरूरी और समुचित कार्रवाई करने को कहा है।
चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने एक जनहित याचिका पर विचार करते हुए यह आदेश दिया है। याचिका में आरोप लगाया था कि दिल्ली में बड़े पैमाने पर मसाज पार्लर की आड़ में एक गिरोह के जरिए वेश्यावृति का धंधा किया जा रहा है। याचिका में आरोप लगाया गया कि सब कुछ जानते हुए पुलिस इस रैकेट में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है।
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि जब भी कोई शिकायत मिली है, कड़ी कार्रवाई की गई है। दिल्ली पुलिस के जवाबों को संज्ञान लेते हुए बेंच ने याचिका का निपटारा कर दिया। साथ ही, दिल्ली पुलिस को मसाज पार्लर की आड़ में चल रहे वेश्यावृत्ति के धंधे पर नियंत्रण के लिए समुचित कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
अदालत ने यह भी दर्ज किया कि पुलिस द्वारा दायर एक स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2017 से सितंबर 2019 के बीच शहर में 405 मसाज पार्लर काम कर रहे थे और वेश्यावृत्ति रैकेट के बारे में 19 शिकायतें प्राप्त हुई थीं। पुलिस ने कहा कि 8 शिकायतों पर एफआईआर दर्ज की गई और शेष 11 में लगाए गए आरोपों की जांच के दौरान पुष्टि नहीं की जा सकी।
कोर्ट ने कहा कि इसके अलावा, कुछ मसाज पार्लरों के खिलाफ भी आवश्यक ट्रेड लाइसेंस के बिना काम करने के खिलाफ कार्रवाई की गई।
कोर्ट ने कहा कि यह देखते हुए कि दिल्ली पुलिस आवश्यक कार्रवाई कर रही है, इस अदालत की राय है कि प्रतिवादी नंबर 1 (दिल्ली पुलिस आयुक्त) द्वारा पहले ही जारी किए गए निर्देशों के आलोक में वर्तमान याचिका में कोई और आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं है।