गिरते बाजार में सरकारी कंपनी ने कराई छप्परफाड़ कमाई

13 जून को जहां एक ओर भारतीय शेयर बाजार में गिरावट जारी है तो दूसरी ओर एक सरकारी कंपनी के शेयरों ने निवेशकों की छप्परफाड़ कमाई कराई। गुरुवार को शिपिंग शेयरों की मांग काफी अधिक रही। क्योंकि मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव ने टैंकर दरों में वृद्धि की आशंकाओं को जन्म दिया। इसी कारण भारत की सरकारी कंपनी शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के शेयर रॉकेट की रफ्तार से भागे। कंपनी के शेयर आज 14 फीसदी तक भागे। इसके शेयर 236 रुपये तक गए। इस खबर को लिखते समय कंपनी के शेयर 10.66 फीसदी यानी 22 रुपये की तेजी के साथ 228.40 रुपये पर ट्रेड कर रहे हैं।

शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (Shipping Corporation of India share price) ने आज इंट्रा डे पर ट्रेड करने वाले निवेशकों को करोड़पति बना दिया। जिन निवेशकों ने आज इंट्रा डे में शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया पर दांव लगाया उन्हें जबरदस्त फायदा हुआ। इसके अलावा GE Shipping के शेयरों में भी तूफानी तेजी देखी गई। कंपनी के शेयर 6 फीसदी तक भागे। इस खबर को लिखते वक्त कंपनी के शेयर 2.54 फीसदी की तेजी के साथ 999.80 रुपये पर ट्रेड कर रहे हैं।

अगर बिगड़ते हैं हालात तो शिपिंग कंपनी को होगा फायदा

अगर इजरायल और ईरान (Iran Israel conflict market impact) के बीच हालात और बिगड़ते हैं तो इसका सीधा फायदा शिपिंग कंपनियों को होगा। इसमें भारत की दो प्रमुख शिपिंग कंपनियां शामिल हैं। शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया और ग्रेट ईस्टर्न शिपिंग कंपनी लिमिटेड। इसमें सबसे ज्यादा फायदा Great Eastern Shipping Company Limited को होगा। क्योंकि इसके पास लगभग 50 प्रतिशत तेल और उत्पाद टैंकर हैं। यदि दोनों देशों के बीच संघर्ष जारी रहता है तो मिडिल ईस्ट में व्यापार चौपट होगा। जहाज इस क्षेत्र से दूर रहेंगे, जिससे वैश्विक शिपिंग आपूर्ति कम हो जाएगी। इससे टैंकर के रेट और भी अधिक बढ़ सकते हैं।

ईरान वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 2 मिलियन बैरल तेल निर्यात करता है। यह दुनिया की आपूर्ति का लगभग 2 प्रतिशत है। टैंकर के रेट बढ़ने से शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया को भी फायदा होगा। यही कारण है कि शिपिंग कंपनियों के शेयर रॉकेट की तरह भाग रहे हैं।

शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ट्रांसपोर्ट के बिजनेस में है। यह कच्चे तेल के टैंकर, उत्पाद टैंकर, कंटेनर जहाज, एलपीजी वाहक जैसे चीजों का निर्माण करती है। इसके अतिरिक्त, कंपनी विभिन्न सरकारी विभागों और अन्य संगठनों की ओर से बड़ी संख्या में जहाजों का प्रबंधन भी करती है।

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