यूपी ने शराब के कारोबार में ऊंची छलांग लगाई है। शराब निर्यात में देश के 10 प्रमुख राज्यों में यूपी पांचवें से तीसरे नंबर पर पहुंच गया है। आंध्र प्रदेश और गोवा पीछे छूट गए हैं। पिछले 5 सालों में नौ हजार करोड़ रुपए का निवेश हुआ है और 60 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। शराब उत्पादन दोगुने से अधिक हुआ है और इस साल 170 करोड़ बल्क लीटर से अधिक होने की संभावना है। शराब उत्पादन भी दोगुने से अधिक हुआ है।

आपको बता दें कि यूपी में पिछले 5 साल वर्षों में पांच हजार करोड़ के निवेश से 19 डिस्टलरियां लग चुकी हैं। इससे अल्कोहल उत्पादन क्षमता 170 करोड़ लीटर से बढ़कर 282 करोड़ बल्क लीटर हो गया है। चार हजार करोड़ से अधिक के निवेश से लगने वाले 18 और डिस्टलरी प्लांट एक से तीन वर्ष में उत्पादन शुरू कर देंगे। प्रदेश से वित्त वर्ष 2021-22 में 167 करोड़ से अधिक मूल्य की शराब का और 3,537 करोड़ मूल्य के एथनाल का निर्यात हुआ है। जबकि पांच वर्ष पहले निर्यात कम होता था।
अल्कोहल और एथनाल उत्पादन में देश में पहले नंबर पर: भूसरेड्डी
अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए व्यापक स्तर पर सुधारात्मक कार्य किए गए हैं, जिससे प्रदेश से डिस्टलरी में निवेश और शराब का निर्यात बढ़ा है। अब प्रदेश अल्कोहल और एथनाल उत्पादन में देश में पहले नंबर पर है। हमारा प्रयास है कि जल्द से जल्द डिस्टलियों का निर्माण पूरा कराकर उत्पादन शुरू कराएं, ताकि शराब निर्यात में भी प्रदेश नंबर एक हो।
रेडिको खेतान डिस्टलरी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के ब्रांड को लांच किया
प्रदेश सरकार की उद्योग नीति, चहुंमुखी विकास, ला एंड आर्डर के कारण अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कंपनियों ने प्रदेश में निवेश कर शराब का उत्पादन शुरू किया है, जिसमें परनाड रिकार्ड, डियाजियो, यूएसएस, विलियम ग्रांट, एबीडी और अल्कोब्रू प्रमुख है। प्रदेश में स्थित रेडिको खेतान डिस्टलरी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के ब्रांड को लांच किया है।
इनका हो रहा है निर्यात
माल्ट बियर, व्हीट बियर, ब्रांडी, व्हीस्की, रम, जिन, ग्रेन ब्लैंडड व्हीस्की, सिंगल माल्ट व्हीस्की आदि हैं।
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