जिला पंचायत सदस्यों के गायब होने को लेकर कांग्रेस नेताओं ने पुलिसकर्मियों पर अपहरण का आरोप लगाते हुए बीती रात मुरैना एसपी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठकर प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की।
आपने चम्बल की घाटी में खूंखार डकैतों द्वारा किए गए अपहरण के किस्से बहुत सुने होंगे, लेकिन पुलिसकर्मियों पर किसी जनप्रतिनिधि के अपहरण का आरोप लग जाए, ऐसा शायद पहली बार सुनें। जी हां! चम्बल अंचल के श्योपुर जिले के जिला पंचायत सदस्य मुरैना जिले के कैलारस से गायब हो गए हैं।
जिला पंचायत सदस्यों के गायब होने को लेकर कांग्रेस नेताओं ने पुलिसकर्मियों पर अपहरण का आरोप लगाते हुए बीती रात मुरैना एसपी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठकर प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। कांग्रेसियों का आरोप है कि पुलिस ने कांग्रेस समर्थक जिला पंचायत सदस्यों का अपहरण कर नकाबपोशों को सौप दिया है। बीती रात मुरैना एसपी ऑफिस पर धरना-प्रदर्शन कर रहे 5 विधायक और एक पूर्व मंत्री सहित 31 कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर बाद में जमानत पर छोड़ दिया।
मुरैना से गायब हो गए जिला पंचायत सदस्य
जानकारी के अनुसार हाल ही में सम्पन्न हुए जिला पंचायत सदस्यों के निर्वाचन के बाद,अब जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए जोड़-तोड़ शुरू हो गई है। जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही बड़ी पार्टियां अपने-अपने समर्थकों के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं। जिला अध्यक्ष के लिए शुक्रवार को सदस्यों के माध्यम से निर्वाचन की प्रक्रिया सम्पन्न होने वाली है लेकिन चुनाव से ठीक एक दिन पहले यानी गुरुवार को श्योपुर जिले से जिला पंचायत सदस्य संदीप शाक्य और गिरधारीलाल बैरवा मुरैना जिले के कैलारस कस्बे से अचानक गायब हो गए हैं।
इन कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया
जिला पंचायत सदस्यों के गायब होने पर कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रामनिवास रावत, विधायक राकेश मावई, बैजनाथ कुशवाह, रविन्द्र सिंह तोमर, अजब सिंह कुशवाह और ग्वालियर विधायक सतीश सिंह सिकरवार एसपी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। कांग्रेसियों का आरोप था कि संदीप शाक्य को कैलारस थाना पुलिस और गिरधारीलाल को चिन्नोनी थाना पुलिस ने पकड़कर नकाबपोशों के हवाले कर दिया है। बीती रात एसपी कार्यालय के बाहर करीब दो घंटे तक कांग्रेस का धरना-प्रदर्शन चलता रहा, उसके बाद पुलिस ने धरना प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार कर पुलिस वैन से पुलिस लाइन भेज दिया। जहां से उन्हें जमानत-मुचलके पर छोड़ दिया गया।