ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में 6वें दीक्षांंत समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने विद्यार्थियों को मानव सेवा का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि मानव सेवा पर काम करें। गले में पदक लटकाने से कई गुना खुशी किसी की जान बचाने से मिलती है। अपना जीवन ऐसा बनाओ कि लोगों के सामने खुद बड़े बन जाओ। समारोह में कुलाधिपति द्वारा कुल 83 मेधावियों को 93 स्वर्ण पदक, रजत और कांस्य पदक दिए गए। इनमें 40 छात्राएं और 43 छात्र शामिल हैं।
मंगलवार को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित समारोह में राज्यपाल ने कहा कि 24 मार्च को विश्व क्षयरोग दिवस है। विश्वविद्यालय अब पांच नहीं 25 टीबी पीड़ित बच्चों को गोद ले। विश्वविद्यालय और कालेज साल में दो बार रक्तदान शिविर जरूर लगाए। कहा कि आज विश्व जल दिवस है। हमें जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करना है।
विशिष्ट अतिथि पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने कहा की दीक्षा के मंत्र से बड़ा स्वस्ति कामना और कुछ नहीं हो सकता। विद्यार्थी का आजीवन कर्तव्य है कि वह जीवन भर पढ़ता रहे। भारत की मूल परम्परा आध्यात्मिक है। हमारे यहां ईश्वर के ध्यान की परंपरा संगीत से है। यहां हम सन्तों के विचार ग्रहण करते हैं। कर्म करें। भारत बहुआयामी पंथ की धरा है। मेरा मानना है कि छात्र अपने गुरू से जीवन भर संपर्क में रहें। कुलपति आलोक राय ने कहा कि विश्वविद्यालय में महिला सशक्तीकरण को लेकर तमाम गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।
दीक्षांंत समारोह में सैयद मोइनुद्दीन को स्नातक स्तर पर उर्दू अरबी फारसी भाषा में सर्वोच्च अंक पाने पर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती पदक, स्नातक स्तर पर कला एवं मानविकी संकाय में सर्वोच्च अंक पाने के लिए, उर्दू विभाग के बीए आनर्स उर्दू पाठ्यक्रम में पहला स्थान प्राप्त करने पर स्वर्ण पदक दिया गया। सैयद को कुल 3 पदक प्रदान किए गए।
इसी तरह से स्नातक स्तर पर सभी संकायों में सर्वोच्च अंक पाने पर कुलाधिपति पदक, स्नातक स्तर पर सामाजिक विज्ञान संकाय में सर्वोच्च अंक हासिल करने पर स्वर्ण पदक, शिक्षा शास्त्र विभाग के बीएड पाठ्यक्रम में प्रथम स्थान पाने पर स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। विवेक कुमार को भी कुल 3 पदक देकर सम्मानित किया गया।शिवानी सिंह को स्नातक स्तर पर सभी संकायों में द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर कुलपति पदक और शिक्षा शास्त्र विभाग के बीएड पाठ्यक्रम में द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर रजत पदक से सम्मानित किया गया। शिवानी को कुल दो पदक प्रदान किए गए।
सम्बोधन के शुरुआत में ही राज्यपाल/कुलाधिपति ने कुलपति से जल संरक्षण के बारे में पूछा। कुलाधिपति के इस सवाल पर मंच पर बैठे कुलपति आलोक राय ठिठक गए। बोले, मैडम रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था है। इस पर कुलाधिपति ने अगले दीक्षांंत समारोह तक ऐसी व्यवस्था को सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिए। जिसके तहत जितना पानी वर्ष भर में खर्च होता है, उतना ही संरक्षित हो। राज्यपाल ने कहा कि आइआइटी कानपुर के छात्रों ने तमाम सराहनीय काम किये हैं, उनसे हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। इस दौरान राजकीय हाईस्कूल खंतारी की छात्राओं को बैग गिफ्ट किए गए।