उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि कांवड़ यात्रा लाखों लोगों की आस्था की बात है, पर श्रद्धालुओं की जान को खतरा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के बीच कांवड़ यात्रा के कारण लोगों को अपनी जान गंवानी पड़े, इसे तो भगवान भी पसंद नहीं करेंगे। धामी ने कहा कि सरकार पहले ही कांवड़ यात्रा पर रोक का निर्णय ले चुकी थी। आस्था भगवान से जुड़ा विषय है, लेकिन भगवान भी नहीं चाहेंगे कि किसी की जिंदगी जाए। ऐसे में सभी पहलुओं पर गौर करने के लिए पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक हो चुकी है। जरूरत पड़ी तो उच्चस्तर पर भी विचार किया जाएगा। पर हमारी पहली प्राथमिकता लोगों के जान-माल का नुकसान न होने देने की है।
धामी ने उत्तराखंड के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि प्रदेश में पिछले सात वर्षों में जितना विकास हुआ है, उतना आजादी के बाद से अब तक कभी नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में बेरोजगारी को दूर करने के भरसक प्रयास कर रही है। वह भर्ती के लिए पहली कैबिनेट में ही प्रस्ताव लाए। आस्था पर जन स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की सीएम पुष्कर सिंह धामी की दो टूक से अब कांवड़ यात्रा की अनुमति मिलने के आसार बहुत कम हो गए हैं। प्रदेश सरकार यूं तो कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगा चुकी है। इस बीच प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन और फिर यूपी की तैयारियों को देखते हुए यात्रा अनुमति को लेकर संशय की स्थिति भी पैदा हो गई थी। लेकिन अब सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दो टूक कह दिया है कि आस्था पर जन स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा है कि यात्रा पर पहले से ही रोक है। इससे साफ है कि सरकार यात्रा पर पुनर्विचार को तैयार नहीं है। वहीं 22 जुलाई से प्रस्तावित यात्रा के लिए अब समय भी नहीं बचा है। हरिद्वार कुंभ में भीड़ और कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए सरकार ने सुरक्षित फैसला लेना ठीक समझा है। विदित है कि कोविड-19 संक्रमण के चलते इस साल भी कांवड यात्रा नहीं होगी। उत्तराखंड सरकार ने तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए कांवड़ यात्रा को प्रतिबंधित कर दिया है। उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने प्रदेश के पड़ोसी राज्यों से आने वाले कांवड़ियों से अनुरोध किया है कि वह कांवड़ लेकर उत्तराखंड के किसी भी शहर में प्रवेश न करें। कहा कि हरिद्वार में कांवड़ियों की एंट्री पर प्रतिबंध लगाया गया है।