वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के महानिदेशक डॉ.शेखर मांडे ने लॉकडाउन और इसकी वजह से बनने वाली परिस्थितियों पर बात की। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से कोरोना के प्रसार को रोकने में मदद मिलती है, लेकिन इससे अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है, इसीलिए लॉकडाउन लागू करते वक्त संतुलन की स्थिति बनाना आवश्यक है।
रविवार को वर्चुअल माध्यम से उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के कैलीफोर्निया में सामने आया कोरोना वायरस का एल452आर म्यूटेंट इस समय महाराष्ट्र में गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। डॉ. मांडे ने कहा कि इस बात के बहुत कम सबूत हैं कि इस म्यूटेंट वायरस पर वैक्सीन अप्रभावी साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन बीमारी की घातकता कम करती है।
डॉ. मांडे ने कहा, ‘लॉकडाउन कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद कर सकता है क्योंकि लोग घरों के अंदर रहते हैं। अगर वायरस फैलता भी है तो यह केवल परिवार के सदस्यों को प्रभावित करेगा और बाहर नहीं फैलेगा। अगर आप भारत में पिछले साल के लॉकडाउन को देखें तो दूसरे देशों के मुकाबले यहां कोरोना वायरस बीमारी के प्रसार की रफ्तार काफी धीमी थी।’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन लॉकडाउन के दुष्प्रभाव भी हैं क्योंकि यह अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित करता है और इससे रोजगार का संकट बनता है। इसलिए हमें लॉकडाउन लागू करते वक्त संतुलन बनाए रखने की जरूरत है। इसके साथ ही इस बात की संभावनाओं पर विचार करने की जरूरत है कि क्या पूरी तरह से या आंशिक रूप से लॉकडाउन लगाया जा सकता है।’