होली आने में अब ज्यादा समय नहीं है। होली को रंगों का त्यौहार कहा जाता है। होली को सभी लोग बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते है। भारत के हर क्षेत्र में होली मनाई जताई है हर जगह पर अलग अलग प्रकार से होली को मनाने की रस्म होती है। ऐसे में सबसे ज्यादा होली का त्यौहार कृष्ण की गलियों में मनाया जाता है जी हम बात कर रहें है व्रन्दावन और मथुरा की जहाँ पर बहुत ही शानदार होली खेली जाती है। आपको बता दें की इस बार होली 13 मार्च को है जिसे हम सब रंगोंवाली होली के नाम से जानते है।
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रंगोंवाली होली के एक दिन पहले होलिका दहन होता है जिसका शुभ मुहूर्त 12 मार्च को शाम 06:31 से लेकर रात्रि 08:23 तक का है। आइए बताते है इसकी पूजा विधि – नारद पुराण के अनुसार जिस दिन होलिका दहन होता है उसके दूसरे दिन सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए और उसके बाद सारे कामो को कर अपने पितरों और देवताओं के लिए घर के बड़ो को तर्पण-पूजन किया जाना चाहिए। इसके बाद घर में आने वाले सभी दोषो को शांत करने के लिए जलाई हुई होली की विभूति की पूजा करें। और पूजा करने के बाद उसे अपने शरीर पर लगा लें। इसके बाद अपने घर के आँगन को गोबर से लीपकर एक चोकौर मंडल बना लें।
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मंडल बनाने के बाद उसमे रंगों से रंगे हुए चावल से सजाकर पूजा कर लेनी चाहिए। अगर आप इस तरह से पूजा करते है तो आपके घर में सभी को रोगों से मुक्ति मिलेगी और आयु में व्रद्धि होगी। इसी के साथ ऐसे पूजा करने से समस्त इच्छाओ की पूर्ति हो जाती है।