संयुक्त राष्ट्र के श्रम निकाय ने रविवार को कहा कि कतर के नए श्रम कानूनों में प्रभावी रूप से देश के ‘कफाला रोजगार प्रणाली को खत्म कर दिया है। इस कानून की लंबे समय से आलोचना की जाती रही है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने कहा कि अब प्रवासी श्रमिक अपने अनुबंध खत्म होने से पहले अपने मौजूदा नियोक्ताओं की अनुमति लिए बिना नौकरी बदल सकते हैं। एक अनुमान के मुताबिक कतर में 20 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर हैं। कतर में काम करने वाले मजदूरों में अधिकांश भारत, नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हैं। कतर की कुल आबादी 28 लाख है । यानि कुल मिलाकर कतर में 27 लाख से ज़्यादा विदेशी कामगार हैं।
आईएलओ ने कहा कि कतर ने श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन के रूप में 1,000 कतरी रियाल (20,110 रुपये) की राशि तय की है। इन कानूनों के प्रभावी होने में करीब छह महीने लगेंगे। आईएलओ ने बताया कि न्यूनतम वेतन कानून के तहत नियोक्ता को आवास और भोजन की सुविधा नहीं देने की स्थिति में इसके लिए भत्ता भी देना होगा। कतर 2022 में फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी करने वाला है और इससे पहले इसे बड़ा बड़ा श्रम सुधार माना जा रहा है।