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स्टाफिंग फर्म टीमलीज सर्विसेज में हेड अमित वडेरा ने ET को बताया है कि कई ग्राहक मोरेटोरियम और उससे पड़ने वाले असर को नहीं समझते हैं. इसे देखते हुए कलेक्शन में बाधा आई है. इसी के मद्देनजर अगले 18-24 महीनों में कई संस्थान इस प्रोफाइल में कर्मचारियों की भर्ती करेंगे. वडेरा ने कहा कि टेली और फील्ड एजेंट दोनों के लिए डिमांड कम से कम 15 फीसदी ज्यादा है. इन्हें सालाना 1.5 लाख रुपये से 3.5 लाख रुपये के बीच भुगतान किया जाता है. भर्ती बढ़ाने की मुख्य वजह कलेक्शन का कम रहना है.
रेटिंग एजेंसी इकरा ने कहा कि कोविड से पहले के स्तर के मुकाबले कलेक्शन 20-40 फीसदी कम है. यह एसेट क्लास पर निर्भर करता है. रिसर्च एंड इनवेस्टमेंट फर्म एमके ग्लोबल के अनुसार, कोविड से पहले औसत कलेक्शन 90 फीसदी से ज्यादा रहता था. अब यह करीब 60 फीसदी रह गया है. प्रमुख संस्थान ईएमआई बाउंस होने की दर को लेकर भी चिंतित हैं. यह करीब 25 फीसदी पहुंच गई है. कलेक्शन और रिकवरी में सुधार के लिए वे फील्ड और टेली कलेक्शन एजेंटों की भर्ती बढ़ा रहे हैं.
उज्जीवन एसएफबी के एमडी नितिन चुघ ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में बैंक ने रिप्लेसमेंट के लिए हायरिंग की है. बिजनेस के रफ्तार पकड़ने के साथ हम विभिन्न भूमिकाओं के लिए हायरिंग करेंगे.
बंधन बैंक और उज्जीवन एसएफबी ने कलेक्शन प्रोफाइल में भर्ती बढ़ाने की पुष्टि की है. बंधन बैंक के एमडी चंद्र शेखर घोष ने बताया है कि हम उन चुनिंदा संस्थानों में रहे हैं जिन्होंने महामारी और लॉकडाउन के दौरान नौकरी देना जारी रखा. पिछले छह महीनों में बैंक ने 3,000 से ज्यादा लोगों की भर्ती की है. इनमें हर तरह के सेगमेंट में भर्ती शामिल है.