सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ कोरोनिल के ट्रेडमार्क पर दावे वाली याचिका खारिज कर दी है. सैनिटाइजर और अन्य स्वास्थ्य रक्षक सामान बनाने वाली चेन्नई की कंपनी अरूद्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले हाई कोर्ट में अपनी दलील साबित करें.
कोर्ट ने कहा कि मौजूदा समय में जब लोग कोरोना से जबरदस्त रूप से प्रभावित होकर दवाओं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली औषधि का सेवन करने में जुटे हैं, ऐसे समय में नाम बदलने के लिए कहना लोगों की परेशानी और बढ़ा देगा. मुमकिन है इस नाम का कोई कीटनाशक ही बाजार में आ जाए.
इससे पहले मद्रास हाई कोर्ट की एकल जज पीठ ने अरूद्र इंजीनियर्स का कोरोनिल नाम पर 1993 से रजिस्टर्ड कराने का दावा मानते हुए, पतंजलि कंपनी को ट्रेडमार्क ‘कोरोनिल’ का इस्तेमाल करने से रोक दिया था.
जस्टिस सीवी कार्तिकेयन ने आदेश जारी करते हुए कंपनी के ‘कोरोनिल’ ट्रेडमार्क इस्तेमाल करने पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी, साथ ही कोर्ट ने प्रतिवादियों पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.
लेकिन दो जजों की खंडपीठ ने एकल जज पीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए मामले की सुनवाई सितंबर तक टाल दी. इस बीच अरुद्र इंजीनियर्स ने सुप्रीम कोर्ट में खंडपीठ के स्टे को चुनौती दी थी.
हालांकि गुरुवार की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी होने से पहले वह कोई भी सुनवाई नहीं करेंगे. यानी कि अब यह मामला फिलहाल मद्रास हाई कोर्ट में ही चलेगा.