सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अयोध्या में भगवान रामलला के भव्य मंदिर निर्माण की तैयारियां जोरों पर हैं। वैसे तो मंदिर निर्माण के लिए कई कंपनियों के नामों की चर्चा हैं, लेकिन लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) इनमें सबसे आगे है।
कंपनी भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए तकनीकी और निर्माण संबंधी पूरा सहयोग करने की इच्छा रखती है, लेकिन कंपनी निर्माण का कॉन्ट्रैक्ट यानी ठेका नहीं लेगी।
कंपनी भगवान के मंदिर निर्माण का काम सेवाभाव से करना चाहती है। मंदिर विकास और प्रबंधन समिति के अध्यक्ष नपेन्द्र मिश्रा 29 फरवरी को अयोध्या जाएंगे और वहां भगवान के दर्शन करने के बाद शाम को बैठक होगी, जिसमें मंदिर निर्माण और अन्य पहलुओं पर चर्चा होने की संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक दिल्ली मे 19 फरवरी को हुई थी, उसके बाद से मंदिर निर्माण के लिए तेजी से काम चल रहा है। इन सारी बातों पर विस्तृत चर्चा और फैसला ट्रस्ट की अगली बैठक में ही हो सकता है। अयोध्या में ट्रस्ट के कार्यालय के लिए भी स्थान ढूंढा जा रहा है। ट्रस्ट के कायार्लय के लिए सुंदर भवन पर भी विचार हो रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, रामलला को नवरात्र से पहले नये स्थान पर स्थानांतरित करने का प्रयास होगा। हालांकि, अभी तक इस बारे में कोई तिथि तय नहीं है। भगवान के श्री विग्रह को स्थानांतरित करने में उनकी सुरक्षा और दर्शनार्थियों की सुविधा का खास ख्याल रखा जाएगा।
अभी रामलला के दर्शन करीब 50 फीट दूर से होते हैं। इस दूरी को भी कुछ कम करने पर विचार हो रहा है। साथ ही भगवान रामलला की परिक्रमा भी थोड़ी-बहुत हो सके इस पर विचार हो रहा है। हालांकि, इस सब में सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जायेगा। एसबीआई बैंक में ट्रस्ट का खाता खुलने की भी औपचारिकताएं चल रही हैं।