गौतमबुद्धनगर जिले के जारचा के कलौंदा गांव में क्लीनिक चलाने वाले 50 वर्षीय शख्स के सिर पर तेजधार हथियार से हमला कर उसके छोटे बेटे ने हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जाता है कि बेटा मेडिकल अनफिट है। उसकी पत्नी विवाह के बाद छोड़कर चली गई थी। पिता बेटे को इसका ताना मारते थे। जिससे परेशान होकर आरोपी ने पिता की हत्या कर दी।
पुलिस के अनुसार कलौंदा गांव में रामभूल सिंह (50) परिवार में पत्नी व दो बेटे अरुण और ललित के साथ रहते थे। रामभूल सिंह क्लीनिक चलाकर लोगों को छोटे-मोटे रोग की दवा देते थे। रामभूल की पत्नी मायके में शादी में गई हुई थी। शुक्रवार रात में बड़ा बेटा पत्नी व बच्चों के साथ ऊपर की मंजिल पर सोया हुआ था। छोटा बेटा ललित और रामभूल सिंह एक कमरे में अलग-अलग चारपाई पर सो रहे थे।
शनिवार सुबह जब बड़ा बेटा नीचे आया तो पिता का कमरा खुला मिला। चारपाई पर रामभूल सिंह का लहूलुहान शव पड़ा था। छोटा भाई घर लापता था। उसने मोहल्ले के लोगों और पुलिस को इसकी जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। घर से फरार छोटे बेटे ललित को घोड़ी गांव से हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई। पुलिस ने बड़े बेटे अरुण की तहरीर पर मामले में केस दर्ज किया था। बाद में ललित से पूछताछ के बाद पुलिस ने आरोपी का नाम केस में शामिल करने की बात कही है।
पिता ने दवा खिलाकर बना दिया नपुंसक
डीसीपी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि रामभूल के बेटे ललित ने पूछताछ के दौरान पिता की हत्या का जुर्म स्वीकार कर लिया। आरोपी ने पुलिस को बताया कि शादी के बाद पिता ने उसे दवा खिलाकर नपुंसक बना दिया था। इससे वह मानसिक रूप से परेशान रहता था। पिता उसे घर में बंद रखते थे। मोबाइल भी नहीं देते थे। शुक्रवार रात 10 बजे भी ललित का पिता से झगड़ा हुआ था। रात में जब रामभूल सो गए तो ललित ने घर में रखे दाव (तेजधार हथियार) से सिर पर वारकर हत्या कर दी।