प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में डिफेंस एक्सपो का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ के डिफेंस एक्सपो में कहा कि आज यहां पर आना मेरे लिए दोहरी खुशी है. क्योंकि मैं बतौर प्रधानमंत्री और बतौर सांसद आपका यहां पर स्वागत करता हूं. उत्तर प्रदेश आने वाले समय में डिफेंस सेक्टर के सबसे बड़े हब के रूप में विकसित होने वाला है. दुनियाभर से आए हुए व्यापारियों के सामने प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज डिफेंस और स्पेस दोनों जगह मजबूत हुआ है.
लखनऊ में प्रधानमंत्री बोले कि इस बार का एक्सपो भारत का सबसे बड़ा एक्सपो है, जो कि ऐतिहासिक है. इस बार 1000 से ज्यादा डिफेंस मैन्युफैक्चर इसका हिस्सा बनी हैं, अनेक देशों के मंत्री और व्यापारी हमारे बीच हैं. इसके जरिए भारत के युवाओं को मेक इन इंडिया में योगदान करने का अवसर मिलेगा, जिससे रोजगार के नए अवसर बनेंगे.
पड़ोसी देशों को लेकर पीएम ने कहा कि हम ऐसे क्षेत्र में हैं जहां पर अपने साथ-साथ पड़ोसी को भी सुरक्षित करने की जिम्मेदारी है. भारत ने हमेशा विश्वशांति का संदेश दिया है, हमने किसी पर हमला नहीं किया है. दो विश्वयुद्ध में हमारे हजारों जवान शहीद हुए लेकिन वो लड़ाई हमारे लिए नहीं थी.
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज दुनिया में 21वीं सदी की अगुवाई कर रहा है. इससे भारत की विशाल, व्यापकता और विविधता का जीता जागता सबूत है. सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्र में भारत बड़ी भूमिका के साथ आगे बढ़ रहा है, इससे भारत का विश्वास बढ़ेगा.
लखनऊ में सुरक्षा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री बोले कि जैसे-जैसे युग बदल रहा है सुरक्षा की चिंता बढ़ रही है. प्रधानमंत्री बोले कि टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल दुनिया के लिए खतरा है. सुरक्षा के मसले पर दुनिया आगे बढ़ रही है, भारत भी इसी रास्ते पर है.
टेक्नोलॉजी पर प्रधानमंत्री बोले कि भारत डिफेंस सेक्टर में AI को बढ़ाने के लिए काम कर रहा है, अगले 5 साल में हम आर्टिफिशल इंटेलीजेंस के 25 प्रोडक्ट बनाने पर काम करना चाहते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने डिफेंस के मसले पर काम किया, जिसे हमारी सरकार आगे बढ़ा रही है. 2014 तक सिर्फ 217 डिफेंस लाइसेंस जारी किए गए थे, लेकिन हमारी सरकार आने के बाद ये संख्या 460 तक पहुंच गई है.
डिफेंस एक्सपो में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपनी जरूरतों के लिए आधुनिक शस्त्रों को बना रहा है और दुनिया के अन्य देश भी हमारे प्रोडक्ट को ले रहे हैं. पिछले दो साल में भारत 17 हजार करोड़ डिफेंस एक्सपोर्ट कर चुका है, इसे हम पांच साल में 35 हजार करोड़ रुपये तक बढ़ाना चाहते हैं. हमारी नीति सिर्फ इम्पोर्ट पर फोकस रही, लेकिन अब इसे बदलना होगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग को और गति देने के लिए और विस्तार देने के लिए नए लक्ष्य, नए टारगेट रखे गए हैं. हमारा लक्ष्य रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में MSMEs की संख्या को अगले 5 वर्षों में 15 हजार के पार पहुंचाना है. लखनऊ में प्रधानमंत्री बोले कि आज भारत में दो बड़े डिफेंस कॉरिडोर बन रहे हैं, पहला तमिलनाडु में और दूसरा उत्तर प्रदेश में हो रहा है. अब तक यूपी डिफेंस कॉरिडोर के लिए 3000 करोड़ से अधिक की योजना हो चुकी है, लखनऊ के साथ-साथ अलीगढ़, आगरा, झांसी समेत अन्य शहरों में काम हो रहा है.
पीएम बोले कि अमेठी में भी भारत-रूस एक साथ रायफल बनाने का काम कर रहे हैं. भारत में सिर्फ प्रोडक्शन ही नहीं बल्कि प्रोडक्ट को असेंबल करने का भी काम किया जा रहा है. देश की प्रमुख इंडस्ट्री को डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग का कॉमन प्लेटफॉर्म बनाना चाहिए.
निवेशकों को आमंत्रित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में बेहतर काम किया है. पिछले पांच साल में हमारी सरकार ने रिसर्च और डेवलेपमेंट को अपना राष्ट्रनीति बनाया है, इसी के बाद मैन्युफेक्टरिंग को बढ़ाया जा रहा है. ऐसे कदमों से World Supply Chains में भारतीय उद्योगों की भागीदारी बढ़ेगी. दुनिया के टॉप डिफेंस मैन्युफेक्चर्रस को अधिक कंपिटेंट इंडियन पार्टर्नर्स मिलेंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने Indigenous Technology का विकास किया है. आज ISRO भारत के लिए, पूरी दुनिया के लिए, Outer Space को Explore कर रहा है, तो भारत का DRDO इन Assets को गलत ताकतों से बचाने के लिए Defence की दीवार खड़ी कर रहा है.