डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर दर्ज एक और मुकदमा समाप्त हो गया। मारपीट के मुकदमे में शुक्रवार को सुनवाई करते हुए एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश डॉ. बाल मुकुंद ने वादी शरद यादव का बयान दर्ज किया। इसके बाद विवेचक द्वारा पेश की गई अंतिम रिपोर्ट को स्वीकृत करते हुए पत्रावली दाखिल दफ्तर किए जाने का आदेश दिया।
कौशांबी के मंझनपुर थाने में दर्ज था मारपीट का मुकदमा
मामला कौशांबी जिले के मंझनपुर थाने से संबंधित है। यहां शरद यादव ने 23 मार्च 2013 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शरद का आरोप था कि वह अपने साथी अरविंद यादव के साथ एसडीएम कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग के लिए टेंडर डालने गए थे। वहां सिराथू के तत्कालीन विधायक केशव प्रसाद मौर्य अपने समर्थक रवि केशरवानी, बृजेश गौतम आदि के साथ आए और विवाद करने लगे। टेंडर डालने से भी मना किया। कुछ देर बाद झगड़ा करते हुए दौड़ाया और पकड़कर मारपीट की। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना की और अंतिम रिपोर्ट कोर्ट में पेश की।
कोर्ट ने मुकदमा वादी को तलब किया
अदालत ने मुकदमा वादी शरद यादव को तलब किया। हाजिर होने पर कोर्ट ने शरद यादव से पूछा कि कोई प्रतिवाद पेश करना है। तब उन्होंने जवाब दिया कि अंतिम रिपोर्ट स्वीकार है। कोई प्रतिवाद नहीं करना है। वादी को सुनने के बाद कोर्ट ने विवेचक द्वारा दी गई क्लीन चिट को स्वीकृत किया। इससे पहले भी डिप्टी सीएम के खिलाफ धूमनगंज थाने में पंजीकृत आचार संहिता उल्लंघन के मुकदमे को सरकार ने वापस ले लिया था।