क्रिसमस ईसाइयों का महत्वपूर्ण त्योहार है। क्रिसमस का अर्थ होता है क्राइस्ट्स मास। क्रिसमस 25 दिसंबर को ईसा मसीह के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। क्रिसमस एक अनोखा पर्व है जो ईश्वर के प्रेम, आनंद और उद्धार का संदेश देता है।
क्रिसमस का त्योहार अब केवल ईसाई धर्म के लोगों तक ही सिमित नहीं रह गया है, बल्कि देश के सभी समुदाय के लोग इसे पूरी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाते हैं। बड़ा दिन यानी क्रिसमस, कहने को ईसाई परिवारों में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्योहार है। कंपकंपाने वाली ठंड और सर्द हवाओं के बावजूद लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं देखी जाती है। क्रिसमस से जुड़ी कई रोचक मान्यताएं और परम्पराएं हैं।
मान्यता है कि सांता क्लॉज का घर उत्तरी ध्रुव पर है और वे उड़ने वाले रेन्डियर्स की गाड़ी पर चलते हैं। सांता का यह आधुनिक रूप 19वीं सदी से अस्तित्व में आया उसके पहले ये ऐसे नहीं थे। आज से डेढ़ हजार साल पहले जन्मे संत निकोलस को असली सांता और सांता का जनक माना जाता है, हालांकि संत निकोलस और जीसस के जन्म का सीधा संबंध नहीं रहा है फिर भी आज के समय में सांता क्लॉज क्रिसमस का अहम हिस्सा हैं। उनके बिना क्रिसमस अधूरा सा लगता है।
सांता क्लॉज जरूरतमंदों और बच्चों को गिफ्ट्स देना बहुत अच्छा लगता था। वे अक्सर जरूरतमंदों और बच्चों को गिफ्ट्स देते थे। संत निकोलस अपने उपहार आधी रात को ही देते थे, क्योंकि उन्हें उपहार देते हुए नजर आना पसंद नहीं था। वे अपनी पहचान लोगों के सामने नहीं लाना चाहते थे। इसी मान्यता के कारण आज भी बच्चों को जल्दी सुला दिया जाता है।
अक्सर कई लोग इसे क्रिसमस न लिखकर एक्समस भी लिखते हैं। दरअसल, एक्समस लिखना ग्रीक संस्कृति के अनुरूप है। ग्रीक भाषा में ‘काई’ को एक्स लिखकर ही बताया जाता है। इसलिए कहा जा सकता है कि एक्समस लिखना भी क्रिसमस लिखने का ही एक तरीका है। अलग-अलग देशों में अलग-अलग भाषाओं में सांता क्लॉज का नाम अलग तरीकों से बोला जाता है। जैसे नीदरलैंड्स में इन्हें सिंतरे क्लास, इंग्लैंड में फादर क्रिसमस, अमेरिका में सांता क्लॉज, फ्रांस में पैरेनोए, ब्राजील और पेरू में पापा नोएल, जर्मनी में क्रिस्ताइनैल और इटली में बाब्बो नाताल या बेलफानो के नाम से पुकारा जाता है।
क्रिसमस के गीत के रूप में ‘जिंगल बैल जिंगल बैल जिंगल ऑल द वे..’ सबसे ज्यादा प्रचलित है। लेकिन ऐतिहासिक तथ्य बताते हैं कि इस गीत का क्रिसमस के त्योहार से कोई संबंध नहीं है. यह दरअसल शीत ऋतु का गीत है। इस गाने में शीत ऋतु की विशिष्टता ही झलकती है. इस गीत के रचयिता जेम्स लॉर्ड पिचरपोंट थे। 16 सितम्बर 1857 को यह गीत ‘ओपेन हॉर्स ओपेन लेग’ के नाम से कॉपी राइट भी करवाया गया। क्रिसमस कैरोल के रूप में एक और लोकप्रिय गाना है, ‘द ट्वेल्व डेज ऑफ क्रिसमस। इस गीत में भी मुख्य रूप से 1558-1829 के बीच के इंग्लैंड की गाथा का बखान मिलता है। कैथोलिक संप्रदाय के लोग इस गाने के माध्यम से अपने बच्चों को विभिन्न धार्मिंक रीति के बारे में जानकारी देते हैं।
क्रिसमस में यूल लॉग प्रथा बड़ी मजेदार है। इस प्रथा के मुताबिक खुद के या पड़ोसी के बगीचे से पेड़ की मोटी टहनी या तना लेकर आते हैं। क्रिसमस की रात घर के सामने खुली जगह पर इसे जलाया जाता है। प्रथा के मुताबिक पहली कोशिश में ही इसे जलाना जरूरी होता है। ऐसा न होने पर अमंगल होने की आशंका रहती है, ऐसी मान्यता है। इसके बाद परिवार के सब लोग मिलकर जलती हुई लकड़ियों के आसपास बैठ कर डरावनी कहानियां सुनते सुनाते हैं। जब भोर होते होते आग बुझ जाती है और लकड़ी पूरी तरह जल जाती है, तो वहां पड़ी राख को एक थैली में भर लेते हैं। फिर घर के मालिक को राख से भरी वह थैली तकिए के नीचे रखकर सोना पड़ता है। माना जाता है कि यह पवित्र राख तमाम विपत्तियों से घर की रक्षा करती है। लेकिन बदलते वक्त के साथ यूल लॉग अब क्रिसमस सज्जा का एक अंग मात्रा बनकर रह गया है। अब बाजार में कृत्रिम काठ के बने बनाए लॉग मिलने लगे हैं।