नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद ज्यादा से ज्यादा कैशलेस ट्रांजैक्शनों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही चेक बाउंस होने के मामले में कानून में बदलाव कर सजा को और सख्त कर सकती है।
यह सुझाव व्यापारियों के असोसिएशन द्वारा सरकार को दिया गया है। यह असोसिएशन बजट तैयार किए जाने से पहले वित्त मंत्रालय के बड़े अधिकारियों से मुलाकात कर रही है। अधिकांश मामलों में चेक बाउंस होने के डर से व्यापारी अपने ग्राहकों से चैक लेने में कतराते हैं। इसलिए व्यापारियों का सुझाव है कि चेक बाउंस के मामलों से बचने के लिए इससे संबंधित कानून में और अधिक सख्त सजा का प्रावधान किया जाए। बीजेपी का ट्रडिशनल वोटर माना जाने वाला व्यापारी वर्ग पीएम मोदी की नोटबंदी की घोषणा किए जाने के बाद बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अब जबकि पीएम के मांगे गए 50 दिन पूरे होने वाले हैं और कैश की कमी बनी हुई है, व्यापारी ज्यादा से ज्यादा कैश स्वीकार किए जाने के पक्ष में हैं। लेकिन इससे पहले व्यापारी वर्ग सरकार की ओर से आश्वस्त हो जाना चाहता है।
एक सूत्र ने बताया कि ट्रेडर असोसिएशन ने वित्त मंत्रालय को सुझाव दिया है कि चेक के बाउंस होने के मामले में सजा के तौर पर इसे इशू करने वाले शख्स को एक महीने के अंदर जेल भेज दिया जाना चाहिए। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि सरकार इस सुझाव पर विचार कर रही है या नहीं लेकिन सूत्रों के मुताबिक, सरकार चेक बाउंस के मामलों में दी जाने वाली सजा सख्त कर सकती है। इसके लिए संसद के बजट सत्र में एक विधेयक भी पेश किया जा सकता है। इसे उत्तर प्रदेश और पंजाब विधानसभा चुनावों में व्यापारियों को लुभाने वाला एक कदम भी माना जा रहा है।
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