प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सभी राज्यपालों और उप राज्यपालों से लोगों की जरूरतों को सुनने की अपील की। साथ ही उन्होंने राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के सर्वोच्च सांविधानिक पदाधिकारियों से अल्पसंख्यकों समेत समाज के समूचे वंचित वर्ग के उद्धार के लिए भी जुटने का आग्रह किया।

यहां राज्यपालों व उप राज्यपालों के 50वें वार्षिक सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री ने खासतौर पर स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और पर्यटन क्षेत्रों की तरफ सभी का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा, इन क्षेत्रों में रोजगार सृजन और गरीबों व अनुसूचित जाति की बेहतरी के नए अवसर इंतजार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, पीएम ने कहा कि अपनी सांविधानिक जिम्मेदारियों के निर्वहन के लिए काम करते हुए राज्यपालों और उप राज्यपालों को आम आदमी की आवश्यकताओं के बारे में भी जानना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने सभी से राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करते हुए वंचित वर्गों के उत्थान की दिशा में प्रयास करने और मौजूदा योजनाओं व पहलों का लाभ उन तक पहुंचाने के लिए जुटने की अपील की।
मोदी ने कहा कि सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघीय ढांचे को साकार करने में राज्यपाल के पद की विशेष भूमिका है। उन्होंने गौर किया कि 2022 में भारत अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ और 2047 में 100वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है।
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