दुनिया में हो रहे तेजी से परिवर्तन के कारण जंहा रोजर्मरा वाली जिंदगी भी तेजी से बदलती जा रही है. वही भागदौड़ और अनियमितता वाली जिंदगी के वजह से इंसान कई बीमारियों के चपेट में भी आ चुके है. आज के समय में ऐसी कई बीमारियां हैं जिससे हर दूसरा इंसान जूझ रहा है. आम हो चली इन बीमारियों में डायबिटीज यानी मधुमेह रोग एक बड़ा चुनौती से भर चुका है और इस कारण विश्व में कर कोई इस चीज को परेशानी झेलना पड़ता है
मिली जानकारी के अनुसार डायबिटीज को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 14 नवंबर 2019 को वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है. डायबिटीज के कारण होने वाली बीमारियां बेहद खतरनाक होती हैं जो मरीज की जान भी ले सकती हैं. हालांकि इस बीमारी के शुरुआती लक्षण को पहचानकर आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है. नियमित व्यायाम और विशेष आहार के माध्यम से डायबीटिज को कुछ हद तक कंट्रोल कर सकते है. वही कुछ चीजे ऐसी भी है जिनका सेवन नहीं करना चाहिए .
आलू: आलू एक ऐसी सब्जी है जिसका सबसे ज्यादा उपयोग किय जाता है. इसमें पोटेशियम, फाइबर, विटमिन सी, विटमिन बी, कॉपर, ल्यूटिन और मैंगनीज भरपूर मात्रा में उपल्बध होता है. आलू का सेवन त्वचा के लिए बेहद लाभदायक होता है. लेकिन इतने गुणों से परिपूर्ण होने के बाद भी डायबिटीज के मरीजों के लिए ये नुकसानदायक होता है. आलू में कार्बोहाइड्रेट की उच्च मात्रा के साथ ग्लाइसेमिक इंडेक्स का लेवल भी ज्यादा होता है जो रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ा देता है.
किशमिश: डायबिटीज के मरीजों को ड्राई फ्रूट्स खाने से भी बचना होता है, खासकर किशमिश खाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि यह ताजे फलों का कांसन्ट्रेटिड फॉर्म होता है. जहां एक कप अंगूर में महज 27 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है तो वहीं एक कप किशमिश में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बढ़कर 115 ग्राम हो जाती है. इस वजह से डायबिटीज मरीजों को किशमिश का सेवन नहीं करना चाहिए.
चीकू: मधुमेह रोगियों को अपने आहार से चीकू को दूर ही रखना चाहिए. यह फल बहुत ही मीठा होता है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी बढ़ा हुआ होता है. इसका सेवन करने से शुगर का लेवल बढ़ जाता है.
तरबूज: तरबूज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 72 होता है जो कि डायबिटीज के मरीजों के लिए ज्यादा होता है. मधुमेह रोगियों के लिए इसका ज्यादा सेवन खतरनाक हो सकता है. तरबूज के सेवन से मधुमेह रोगियों को उच्च रक्तचाप की शिकायत बढ़ सकती है.
फैट मिल्क: दूध में पोषक तत्वों की संतुलित मात्रा होती है. इस वजह से सभी व्यक्तियों को अपने आहार में दूध शामिल करने की सलाह दी जाती है. लेकिन डायबिटीज के मरीजों को फैट मिल्क से बचना चाहिए. फैट शरीर में इंसुलिन की मात्रा को बढ़ा सकता है. फुल फैट वाले दूध की जगह आप लो फैट वाले दूध का उपयोग किया जा सकता है.