वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को फिक्की की सालाना आम बैठक को संबोधित किया। उन्होंने जीएसटी के मुद्दे और नोटबंदी के मामले को उठाया और जीएसटी लागू होने को लेकर किसी तरह की अड़चन आने की आशंका से इन्कार किया। यही नहीं उन्होंने नोटबंदी को सरकार का साहसिक फैसला भी बताया। अभी परेशानी हो रही है, लेकिन लंबे समय का फायदा होगा।
वहीं जेटली ने संकेत ये संकेत भी दिए कि बैन की गई करंसी के बराबर की रकम के नोट दोबारा से नहीं छापे जाएंगे। उनके मुताबिक, जरूरी नहीं कि नोटबंदी के कारण चलन से बाहर हुई 15.44 लाख करोड़ की करंसी को दोबारा छापा जाए। इसकी भरपाई डिजिटल करंसी से की जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा, ‘उभरती अर्थव्यवस्था के बीच यदि हम भारत को देखते हैं, तो विश्व के अन्य हिस्सों की तुलना में यहां अच्छा बदलाव है। ब्रेक्जिट वोट ने कई लोगों को अचंभित कर दिया, क्योंकि अधिकांश का मानना था कि परिपक्व प्रजातंत्र ने सही तरीके से वोट नहीं किया।’
उन्होंने जीएसटी के मुद्दे पर बोलते हुए कहा, संविधान के संशोधन को पारित करते हुए काफी अहम निर्णय हैं जो जीएसटी काउंसिल ले रहा है। इसमें आम सहमति से करीब 10 महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। संसद द्वारा पारित कानून में संशोधन जारी है और राज्य विधानसभाओं द्वारा इसे ड्राफ्ट किया जा रहा है। उन्होंने कहा इन कानूनों को मंजूरी मिलने में मुझे कोई कठिनाई नहीं नजर आ रही है।
वित्त मंत्री ने आगे बताया कि 16 सितंबर 2017 को मौजूदा टैक्स की व्यवस्था बंद हो जाएगी। यही नहीं उन्होंने कहा, नोटबंदी का फैसला सरकार का साहसिक फैसला है।