भारत-पाक सीमा पर नियंत्रण रेखा के करीब आईईडी ब्लास्ट में शहीद हुए मेजर चित्रेश का अंतिम संस्कार आज देहरादून में किया जाएगा। शहीद चित्रेश बिष्ट की 7 मार्च को शादी थी। हाल ही में वह खरीदारी कर वापस ड्यूटी लौटे थे और 28 फरवरी को उन्हें घर आना था। घर पर अलमारी में रखे उनकी शादी के कपड़े देखकर परिजनों के आंसू थमने के नाम नहीं ले रहे हैं। पिता, मां और परिजन कह रहे थे कि बेटे तेरी शादी के लिए बड़ी शौक से ये कपड़े लिये थे। अब इन्हें कौन पहनेगा। यह देख वहां मौजूद सभी रोते दिखे।
चकराता रोड स्थित आईएमए भवन में शोकसभा में पुलवामा आतंकी हमले में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। देहरादून के अध्यक्ष डा. संजय गोयल ने बताया कि शहीदों के परिजनों के लिए डाक्टर धनराशि एकत्र कर रहे हैं। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष डा. बीएस जज, सचिव डा. डीडी चौधरी, डा. विजय त्यागी, डा. रोहित अरोड़ा, डा. विपुल कंडवाल, डा. जुतसी आदि मौजूद रहे। .
शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट को श्रद्धांजलि देने के लिए शहर का हर आम ओ खास उनके घर पर उमड़ पड़ा। हर किसी की आंखें नम थीं तो दिल में आतंकवाद के लिए गुस्सा था। हर कोई शहीद के पिता पूर्व इंस्पेक्टर एसएस बिष्ट को गले लगकर ढाढस बंधा रहे थे। वहीं, कुछ युवा उनके घर के बाहर पाकिस्तान मुर्दाबाद और आतंकवाद के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। हर कोई पाक की नापाक हरकत को कोस रहा था। सरकार से पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग कर रहा था।
भारत-पाकिस्तान सीमा पर नियंत्रण रेखा के करीब आईईडी ब्लास्ट में शहीद हुए देहरादून निवासी मेजर चित्रेश बिष्ट का पार्थिव शरीर रविवार दोपहर सेना के विशेष विमान से जौलीग्रांट एयरपोर्ट लाया गया। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर सेना के जवानों और अधिकारियों के साथ एसडीएम डोईवाला लक्ष्मी राज चौहान, तहसीलदार शूरवीर सिंह राणा, एयरपोर्ट डायरेक्टर विनोद शर्मा, डोईवाला कोतवाल राकेश सिंह गुसाईं, जौलीग्रांट पुलिस चौकी इंचार्ज महावीर सिंह रावत ने शहीद को भावभीनी श्रद्धांजलि देने के साथ नमन भी किया। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को सैनिक सम्मान के साथ मिलिट्री हॉस्पिटल देहरादून ले जाया गया। .
शहीद चित्रेश के पिता एसएस बिष्ट को ढाढस बंधाने गांव से बड़े भाई पहुंचे। वह ढाढस देते हुए कहने लगे, हम तो पुलिसवाले रहे हैं, ये सब देखा है। अब खुद को संभाल, लेकिन पिता फफक-फफक कर रोने लगे। इस पर एसएस बिष्ट के बड़े भाई ने उन्हें कहा कि सोनू फिर आएगा, किसी न किसी रूप में आएगा। वह दुश्मनों का बदला लेगा। लेकिन पिता एक ही बात करते रहे, अब यह सब बकवास है। कुछ नहीं जो जाना था, वह चला गया।