तिरंगे में लिपटे सीआरपीएफ के जवान प्रदीप सिंह यादव का पार्थिव शरीर शनिवार की पौ फटते ही कन्नौज स्थित पैतृक गांव अजान पहुंचा। पूरी रात जागकर शहीद के दीदार के लए टकटकी लगाए गांव और आसपास के लोगों का दर्शन के लिए तांता लग गया। शहीद की दस साल की बड़ी बेटी ने कंपकपाते हाथों से पिता को मुखाग्नि दी।
सीआरपीएफ के जवान जब अपने साथी का पार्थिव शरीर लेकर गांव में दाखिल हुए तो हर तरफ से सिसकने और बिलखने की आवाज आने लगीं। रपीएफ के जवानों ने सशस्त्र सलामी दी। उसके पहले शासन के प्रतिनिधि के रूप में पहुंचे जिले के प्रभारी मंत्री संदीप सिंह ने श्रद्धांजलि दी। राज्यमंत्री अर्चना पांडेय और तिर्वा विधायक कैलाश राजपूत ने भी पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजलि अर्पित की। बड़ी बेटी दस साल की सुप्रिया यादव ने रोते हुए कंपकपाते हाथों से हुजूम के बीच पिता की चिता को मुखाग्नि दी।
आजाद अमर रहे, हिंदुस्तान जिंदाबाद, पाकिस्तान मुर्दाबाद, आतंकवादियों को सजा दो जैसे गगनभेदी नारों के साथ पार्थिव शरीर को शहीद के दरवाजे पर रखा गया। शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जा रहा था तो उसकी नौ साल की बेटी ईशा ने कांपते हाथों से पापा को सैल्यूट किया। नन्ही-सी बच्ची घर के सभी लोगों को हौसला दे रही थी। कहा कि वह पापा की हर बात पूरा करेगी। शहीद पत्नी मीना गौतम रोते-रोते बदहवास हो गईं।
पिता प्यारेलाल ने कहा कि बेटे ने देश के लिए कुर्बानी दी है, उस पर गर्व है। उन्होंने कहा, बेटा तिरंगे में लिपटकर आया है, देश के लिए एक नहीं और बेटों को कुर्बान करना पड़ेगा तो वह पीछे नहीं हटेंगे। बस सरकार देश के इन वीर सपूतों के बलिदान को जाया न जाने दे। विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित, केंद्रीय मंत्री बृजेश पाठक, साध्वी निरंजन ज्योति, सांसद साक्षी महाराज समेत कई नेताओं ने परिजनों को सांत्वना दी। छोटे भाई रंजीत ने दी चिता को मुखाग्नि।