उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित संकटमोचन मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी भरी चिट्ठी भेजने वाले का पुलिस ने पता लगा लिया है, यह चिट्ठी जमीन विवाद की रंजिश में भेजी गई थी. चिट्ठी में जिस जमादार मियां और अशोक यादव का नाम है, वे बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाले दो मित्र हैं. दोनों से मधुबनी में पूछताछ करने पर पता चला कि उनके गांव के एक बुजुर्ग से जमादार और अशोक का जमीन संबंधी विवाद है. उस बुजुर्ग के रिश्तेदार देवरिया जिले में रहने के कारण वे संकटमोचन मंदिर से अच्छी तरह वाकिफ है और उसके बेटे बड़ोदरा और अहमदाबाद में रहते हैं.
आशंका है कि उसी बुजुर्ग के बेटों ने जमादार और अशोक को फंसाने के लिए धमकी वाली चिट्ठी भेजी थी. पुलिस के मुताबिक, जमादार और अशोक के आपराधिक इतिहास की कोई जानकारी मधुबनी पुलिस के पास नहीं है. उल्लेखनीय है कि संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्र को साधारण डाक से तीन दिसंबर की शाम एक धमकी भरी चिट्ठी मिली थी.
इस चिट्ठी में जमादार मियां और अशोक यादव के नाम के साथ ही एक मोबाइल नंबर भी लिखा था. साथ ही, लिखा था कि हमने इससे पहले 2006 में संकटमोचन मंदिर में धमाका किया था और इस बार उससे भी बड़े धमके को अंजाम देंगे. प्रकरण की जांच पुलिस और क्राइम ब्रांच के साथ ही एटीएस ने शुरू की. चिट्ठी में लिखे मोबाइल नंबर की जांच कर पुलिस की दो टीमें बिहार रवाना की गईं. पुलिस के मुताबिक, जमादार व अशोक दोनों दोस्त हैं और दोनों की दुकान भी आसपास है.
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