बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या से पहले उसकी जमकर पिटाई की गई थी। इसमें सुनील राठी, उसका भाई अरविंद राठी, एक लंबरदार समेत पांच लोगों के शामिल होने की बात कही जा रही है। यह खुलासा पुलिस की शुरुआती जांच में हुआ है।
जांच में पता चला कि पिटाई के बाद बजरंगी की पूर्वांचल के एक बाहुबली माफिया से व्हाट्स एप पर काल कराई गई थी। इसके बाद बाहुबली ने फोन पर ही उसकी हत्या का फरमान सुना दिया। हत्या के समय सुनील राठी के साथ उसका भाई अरविंद राठी और जेल के लंबरदार बब्लू, जेल में ही बंद परमिंदर और प्रधान मौजूद थे।
सूत्रों का कहना है कि बजरंगी की हत्या से पहले एक महीने में तीन बार पूर्वांचल का यह बाहुबली बागपत जेल में सुनील राठी से मिला था। माना जा रहा है कि तभी मुन्ना बजरंगी के बागपत जेल पहुंचने की स्क्रिप्ट तैयार की जा चुकी थी।
अधिकारी बोला, रात में कोई घटना हो तो मुझे सूचना देना
उधर, सूत्रों मानें तो बजरंगी के बागपत जेल में पहुंचने के बाद वहां के एक अधिकारी ने अपने मातहतों से कहा था कि अगर रात में कोई घटना हो तो पहले मुझे सूचना देना। यही हुआ भी पुलिस को सूचना घटना के आधे घंटे बाद दी गई थी। इस संबंध में एडीजी जेल चंद्र प्रकाश का कहना है कि जांच रिपोर्ट मिलने के बाद दोषी जेल कर्मियों और अधिकारियों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू की जाएगी। इसमें डेढ़ से दो महीने लग सकते हैं।
झांसी जेल से रवाना होते ही शुरू हो गया जश्न
सूत्रों का दावा है कि मुन्ना बजरंगी के झांसी जेल से बागपत के लिए निकलते ही विरोधी खेमे में जश्न शुरू हो गया था। बताया जाता है कि हत्या के बाद बजरंगी की प्रॉपर्टी पर रातोरात कब्जा हो गया। हालांकि इस बारे में कोई पुलिस अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है।
सुनील का भाई अरिवंद राठी भी मौके पर था मौजूद
मुन्ना बजरंगी की हत्या के आरोपी सुनील राठी का भाई अरविंद राठी भी बागपत जेल में बंद है। बताया जाता है कि बजरंगी की पिटाई और हत्या के समय अरविंद भी मौके पर मौजूद था।