हम जब भी घर से बाहर जाते हैं और सार्वजनिक शौचालय इस्तेमाल करना पड़ता है तो हमेशा संक्रमण का खतरा बना रहता है। क्योंकि शौचालय में मौजूद कम्मोड (टॉयलेट सीट) पर कई तरह के कीटाणु होते हैं। बता दें कि मनुष्य के शरीर में त्वचा, मुंह, आंखें और जननांग में माइक्रोब्स (परजीवी) होते हैं। किसी-किसी के शरीर में इससे भी ज्यादा मात्रा में माइक्रोब्स होते हैं।
ज्यादतर इंसान के शरीर में माइक्रो ऑर्गेनिस्म (सूक्ष्म जीव) एक किलो होते हैं और वो पेट में बैक्टीरिया, फंगी, यीस्ट, वायरस और कभी-कभी पैरासाइट्स के रूप में होते हैं। वैसे अगर आपको टॉयलेट सीट्स के कीटाणुओं से बचना है तो आप अपने साथ कुछ वाइप्स रखें और टॉयलेट सीट का इस्तेमाल करने से पहले उसे साफ जरूर करें। लेकिन बता दें कि सिर्फ टॉयलेट सीट्स में ही जर्म्स नहीं होते बल्कि टॉयलेट लिड, दरवाजें, जमीन और टॉयलेट पेपर में भी जर्म्स होते हैं।
दरवाजों पर भी होते हैं कीटाणु
ऐसा जरूरी नहीं है कि शौच के बाद सभी हाथ धोने से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। क्योंकि उसके बाद दरवाजा खोलते हुए उसपर मौजूद कीटाणु हाथ में लग जाते हैं। इससे बचने के लिए आप टिशू पेपर का इस्तेमाल करके दरवाजा खोलें।
हाथ अच्छी तरह से धोएं
अगर आप कीटाणु से बचना चाहते हैं तो हाथों को अच्छी तरह धोएं। तो जब भी आप हाथ धोएं तो हैंडवॉश से अपने हाथों और उंगलियों को 20-30 सेकेंड तक अच्छे से धोएं। लेकिन ये भी ध्यान रखें कि टैप हैंडल्स, टॉयलेट सिंक, हैंड ड्रायर पर भी कीटाणु होते हैं।
दरअसल, जब कोई हाथ धोता है तो वो तुरंत गीले हाथों से सोप डिसपेंसर या टैप को बंद करता है, तो इससे बचने के लिए आपको हाथ धोने के बाद पहले हाथ सुखाएं और फिर पेपर टॉवल इस्तेमाल कर हाथ अच्छे से सुखाने के बाद नल बंद करें और अगर आप हैंड ड्रायर यूज कर रहे हैं तो आप उसके एक्टिव बटन को दबाने के लिए कोहनी का यूज कर सकते हैं।
टॉयलेट में न यूज करें मोबाइल
देखिए जैसे आप टॉयलेट में कुछ खाते नहीं हैं, ड्रिंक नहीं करते और धूम्रपान नहीं करते तो वैसे ही आपको टॉयलेट में मोबाइल फोन भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। रिसर्च के मुताबिक 75% लोग टॉयलेट में फोन यूज करते हैं। लेकिन एक यूएस स्टडी के मुताबिक टॉयलेट सीट से 10 गुना ज्यादा गंदा आपको मोबाइल फोन होता है। तो इसलिए आपको टॉयलेट में मोबाइल फोन नहीं इस्तेमाल करना चाहिए।
उकडू बैठें
सार्वजनिक शौचालय में कम्मोड पर उकडू बैठना चाहिए। जिससे आपकी त्वचा से कीटाणु संपर्क में नहीं आ पाते।