केंद्र और राज्य सरकारों का फोकस राष्ट्रीय नदी गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने पर है, लेकिन इस मुहिम को सिस्टम गंभीरता से नहीं ले रहा। जिलाधिकारी दीपक रावत के निरीक्षण के दौरान यह हकीकत नमूंदार हुई। बात सामने आई कि जिन नालों को कागजों में टैप दर्शाया गया, वे अभी भी गंगा में गिर रहे हैं।
इस पर जिलाधिकारी ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए जल संस्थान के संबंधित अधिशासी अभियंता और सहायक अभियंता के ट्रांसफर की संस्तुति की है। साथ ही यह भी कहा है कि इन अभियंताओं को भविष्य में कभी हरिद्वार में तैनाती न दी जाए।
नमामि गंगे परियोजना के तहत गोमुख से लेकर हरिद्वार तक गंगा स्वच्छता के मद्देनजर हो रहे कार्यों की पड़ताल करते हुए दैनिक जागरण ने 10 से 13 मई तक सीरीज प्रकाशित की थी। इसमें मुख्य फोकस टैप किए गए नालों और एसटीपी को लेकर था।
सरकारी आंकड़ों व जमीनी हकीकत में खास अंतर नजर आया। इस पर पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री प्रकाश पंत ने संज्ञान लेते हुए नमामि गंगे के निदेशक को जांच कर रिपोर्ट तलब की थी।
इसी कड़ी में हरिद्वार के जिलाधिकारी दीपक रावत ने बुधवार को नमामि गंगे परियोजना के तहत नालों की टैपिंग के मद्देनजर पड़ताल की। उन्होंने पाया कि जिन नालों की टैङ्क्षपग की सूचना कागजों में उनको दी गई वह वाकई टैप ही नहीं है।
ऋषिकुल टंकी नंबर 6 के पास नाले का पानी टैङ्क्षपग के अभाव में सीधे गंगा में प्रवाहित हो रहा है। गलत सूचना देने से खफा डीएम ने जल संस्थान के संबंधित अधिशासी अभियंता और मायापुर क्षेत्र के एई राकेश चौहान के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए गैर जनपद भेजने और कभी हरिद्वार में तैनात न करने की संस्तुति की।
उन्होंने कहा कि यह भी जांच की जाएगी कि इसके लिए गंगा अनुरक्षण इकाई के ईई आरके जैन या जल संस्थान के ईई अजय कुमार में से कौन जिम्मेवार हैं। जिम्मेवार ईई के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने कहा कि छूटे नालों की टैङ्क्षपग का कार्य नमामि गंगे योजना के जरिये हेाना है। विभागीय अधिकारी गलत जानकारी देकर काम में बाधा डाल रहे हैं।
हरकी पैड़ी पर निरीक्षण में डीएम ने पाया कि चोटीवाला होटल का गंदा पानी कूड़ा सहित नाली के माध्यम से सीवेज में जा रहा है। इससे रोजाना सीवर चोक होकर गटर के उबलने से गंदा पानी हरकी पैड़ी पर गंगा में जाने की शिकायत भी डीएम को मिली थी। डीएम ने होटल स्वामी पर निगम के माध्यम से 15 हजार का जुर्माना वसूलने के निर्देश दिए हैं।
साथ ही चेताया कि दोबारा ऐसा होने पर सीज करने के साथ ही प्राथमिकी भी दर्ज कराएंगे। डीएम ने मुख्य नगर अधिकारी नितिन ङ्क्षसह भदौरिया को निर्देशित किया कि नगर निगम से दो कार्मिक हरकी पैड़ी क्षेत्र के होटल और अन्य प्रतिष्ठानों की जांच करेंगे। वहीं, एक चाय के खोखे पर डिस्पोजेबल सामग्री को खुले में फेंके जाने पर पांच हजार का चालान काटते हुए डीएम ने उसे वहां से हटाने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी ने ज्वालापुर कटहरा बाजार में पॉलीथिन के थोक सप्लायर अल्फा प्लास्टिक के प्रोपराइटर राकेश की ओर से कटहरा बाजार मस्जिद परिसर में बने गोदाम के माध्यम से प्रतिबंधित पालीथिन की आपूर्ति करते रंगे हाथ पकड़ा।
गोदाम में भारी मात्रा में पॉलीथिन बरामद होने पर डीएम ने गोदाम व थोक दुकान को सीज करा दिया। निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त नगर निगम नितिन सिंह भदौरिया, सिटी मजिस्ट्रेट मनीष कुमार सिंह, जल संस्थान के अधिशासी अभियंता नरेश पाल, गंगा अनुरक्षण इकाई के अधिशासी अभियंता राजीव जैन, पेयजल निगम एई आरएस गुप्ता, जल संस्थान के एई राजेश कुमार आदि उपस्थित रहे।