पीएम नरेंद्र मोदी के दो दिनों के चीन दौरे में भले ही दोनों देशों के बीच कोई करार न हुए हों, लेकिन एक मुद्दे पर बनी सहमति पाकिस्तान को जरूर परेशान कर सकती है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक अफगानिस्तान में चीन और भारत के साथ काम करने को लेकर पीएम मोदी और शी चिनफिंग ने सहमति जताई। दोनों नेताओं ने माना कि चीन और भारत को इंडिया-चाइना इकनॉमिक प्रॉजेक्ट के तहत अफगानिस्तान में काम करना चाहिए। 
भारत और चीन के बीच बनी यह सहमति पाकिस्तान की चिंता को बढ़ाने वाली है, जो अफगानिस्तान में भारत के दखल को कम करने के लिए प्रयासरत रहा है। पीएम मोदी का दो दिवसीय अनौपचारिक चीन दौरा शनिवार को समाप्त हुआ। इस दौरान पीएम मोदी ने 6 बार चीनी प्रेजिडेंट शी चिनफिंग से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक मीटिंग के दौरान दोनों देशों के बीच इस बात पर सहमति बनी कि उन क्षेत्रों की पहचान की जाए, जिनमें भारत और चीन साथ मिलकर अफगानिस्तान में काम कर सकते हैं।
यह पहला मौका होगा, जब चीन ने युद्ध प्रभावित देश अफगानिस्तान में किसी प्रॉजेक्ट में सीधे तौर पर उतरने का फैसला लिया है। अब तक चीन की ओर से अफगानिस्तान में पाकिस्तान को ही रणनीतिक सपॉर्ट किया जाता रहा है। बता दें कि अफगानिस्तान और अमेरिका अक्सर पाकिस्तान पर यह आरोप लगाते रहे हैं कि वह आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और अशांत देश में तालिबान को मजबूती देने का काम कर रहा है।
गौरतलब है कि बीते साल दिसंबर में चीन ने त्रिपक्षीय वार्ता आयोजित की थी, जिसमें अफगानिस्तान और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों को आमंत्रित किया था। चीन की इस मीटिंग का मकसद पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच मतभेदों को कम करना था।
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