विश्वविद्यालय में करीब10,000 छात्र हैं. उसने तब कहा था कि नकाब को प्रतिबंधित करने का फैसला दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देश में, धार्मिक कट्टरता का मुकाबला करने के लिए किया गया था. हालांकि अब यह आदेश वापस ले लिया गया है. सप्ताहांत में विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा कि चेहरे को ढकने वाला नकाब पहने वाली छात्राओं के संबंध में जारी किए गए दिशा निर्देशों को शैक्षिक माहौल बनाए रखने के लिए वापस लिया जाएगा.
नए नियम के हिमायतियों का दावा था कि पूरा चेहरा ढकने वाला नकाब पहनने की धार्मिक बाध्यता नहीं है, लेकिन आलोचकों का कहना है कि नकाब विरोधी अपील व्यक्ति के अधिकार हनन है. योग्यकार्ता के एक अन्य अहमद दहलान विश्वविद्यालय ने भी छात्राओं से नकाब नहीं पहनने की अपील की है. हालांकि इस अपील का पालन नहीं करने वाले दंड के पात्र नहीं होंगे.
सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाली देश
इंडोनेशिया दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश है. मुस्लिम जनसंख्या के मामले में ये देश दुनिया में पहले नंबर पर है. आबादी के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर है. पिछले कुछ समय में इंडोनेशिया में मुस्लिम कट्टरपंथ बढ़ा है. इस सेकुलर देश में अब जगह जगह बुर्का पहने महिलाएं दिख जाती हैं जो कुछ साल पहले कम ही नजर आता था. कॉलेज-यूनिवर्सिटी में भी इसी तरह के नजारे आम हैं. इसी के मद्देनजर यूनिवर्सिटी ने ये आदेश जारी किया था. लेकिन भारी विरोध के बाद इसे वापस ले लिया गया.
योग्यकार्ता। इंडोनेशिया के एक विश्वविद्यालय ने नकाब पहनने पर लगाए गए प्रतिबंध को आलोचनाओं के बाद वापस ले लिया है. विश्वविद्यालय के नकाब पर रोक का फैसला वैश्विक मीडिया में छा गया था. इंडोनेशिया की सांस्कृतिक राजधानी योग्यकार्ता में सुनान कालीजागा स्टेट इस्लामिक यूनिवर्सिटी ने पिछले हफ्ते तीन दर्जन से ज्यादा नकाब पहनने वाली छात्राओं को एक फरमान जारी किया था और उन्हें इसका पालन नहीं करने पर निष्कासित करने की चेतावनी दी थी.