आगरा। संपत्ति अपने नाम कराने के लिए कारोबारी पिता को जंजीरों में बांधकर फ्लैट में कैद कर रखा था। आठ दिन से तीन तालों में कैद कारोबारी ने शुक्रवार रात को मौका मिलने पर खिड़की से पर्ची फेंक कर मदद मांगी। गार्ड को पर्ची मिली, तो पुलिस को सूचना दी, जिसने कारोबारी को मुक्त कराया। आरोपी बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।
संजय प्लेस के नारायण टावर में रहने वाले 60 वर्षीय राजेश बंसल की फाउंड्री नगर में फैक्ट्री है। शू मटीरियल का भी कारोबार है। वह जिस फ्लैट में रहते हैं, वह उनकी मां के नाम है। राजेश का एक बेटा निमित्त है, बेटी की शादी हो चुकी है। कारोबारी के मुताबिक कुछ महीने से बेटे को शक हो गया कि वह फ्लैट समेत सारी संपत्ति किसी के नाम करना चाहते हैं। इस पर बेटे ने सारी संपत्ति अपने नाम करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। पत्नी नीलम भी बेटे साथ हो गईं। कारोबारी ने फ्लैट बेटे के नाम करने से इन्कार कर दिया।
इससे क्रुद्ध होकर निमित्त ने आठ फरवरी को उनके हाथ-पैर जंजीरों से बांधे और फ्लैट के एक कमरे में बंद कर दिया। वह जंजीर नहीं खोल सकें, इसके लिए हाथ-पैर जंजीरों से बांध ताले डाल दिए। बाहर कमरे पर ताला लगा देता था। शुक्रवार रात वह कमरे पर ताला लगाना भूल गया। इससे उन्हें मौका मिल गया। उन्होंने कमरे से बाहर आकर एक कागज पर अपने को मुक्त कराने की पर्ची लिख खिड़की से फेंक दी।
अपार्टमेंट के गार्ड को पर्ची मिलने पर उसने पुलिस को सूचना दी। थाने का फोर्स फ्लैट पर पहुंचा, तो ताला लगा हुआ था। पुलिस ने बेटे को बुलाकर खुलवाया तो अंदर का दृश्य देख हैरान रह गई। कारोबारी जंजीरों में बंधे थे। उन्हें मुक्त कराकर अस्पताल भेजा गया। निमित्त को गिरफ्तार कर लिया। थानाध्यक्ष महेश गौतम के मुताबिक कारोबारी ने पत्नी नीलम और पुत्र के खिलाफ बंधक बनाने और मारपीट आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।