प्रधानमंत्री ने कहा, “जो खेल से प्यार करते हैं वो जुनून के साथ खेलते हैं न कि पैसों के लिए. जब एक भारतीय खिलाड़ी खेलता है और जब वह तिरंगा थामता है तो यह उसके लिए गर्व का पल होता है और इससे पूरे देश में जोश भरता है.” प्रधानमंत्री ने कहा, “यह इस बात को सुनिश्चित करने के लिए है कि पैसे की कमी के कारण खिलाड़ी खेल को नहीं छोडें.”

उन्होंने कहा, “खेलो इंडिया सिर्फ पदक जीतने का मसला नहीं है. यह खेल को बढ़ावा देने का आंदोलन है. हम हर उस पहलू पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं जिससे खेलों को मजबूती मिले.” इससे पहले खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने अपने भाषण में कहा, “खेलो इंडिया स्कूल गेम्स प्रधानमंत्री के विजन का हिस्सा है. यह एक खेल आंदोलन है. प्रधानमंत्री ने राष्ट्र निर्माण में खेलों पर महत्व दिया है और खेलो इंडिया, खेलों का जश्न मनाने का प्लेटफॉर्म है.”