नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर के विद्यार्थियों पर हुए सर्वे में यह बात सामने आई है कि अधिकांश छात्र अपनी जीवनशैली, फैशन और सूचनाओं के स्रोत के लिए सोशल मीडिया पर भरोसा कर रहे हैं।
दिल्ली-एनसीआर में युवतियों पर मीडिया का गहरा असर
किशोरों के नजरिए, मान्यताओं व जीवनशैली पर मीडिया के प्रभाव को गहराई से समझने के लिए फोर्टिस हेल्थकेयर के मेंटल हेल्थ एंड बिहैवियरल साइंसेज डिपार्टमेंट के निदेशक डॉ. समीर पारिख के निर्देशन में स्कूल जाने वाले 14-17 वर्ष के 1350 किशोरों पर किए गए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।
सर्वे में पाया गया कि विद्यार्थी सूचना के स्त्रोत तक जाना और वहां उसे पढ़ना बहुत कम पसंद करते हैं। इसके बजाय वे तथ्यों, समाचारों और सूचना के लिए सोशल मीडिया पर भरोसा करते हैं। सोशल मीडिया उनकी जीवनशैली, पहनावा व खरीदारी के तौर-तरीके को प्रभावित करता है।
रियलिटी शो से उनके व्यवहार और विचारों को दिशा मिलती है। वे किताबों से कम सोशल मीडिया से अधिक प्रभावित हो रहे हैं और उसके साथ समय बिता रहे हैं। 92 फीसद विद्यार्थियों का मानना था कि मीडिया पर अपने क्रियाकलापों को लेकर सेलेब्रिटी को अधिक जिम्मेदार होना चाहिए।
एक– 74% फीसद विद्यार्थी मानते हैं कि सूचना, तथ्यों और ताजा घटनाओं की जानकारी के लिए सोशल मीडिया सबसे अच्छा मंच है
दो– 77 % विद्यार्थियों की राय मोटे तौर पर उन चीजों पर आधारित होती है, जिन्हें वे अक्सर टेलीविजन पर देखते हैं
तीन– 24% किशोरों ने बताया कि उन्हें पढ़ना पसंद है, जबकि 76% ने कहा कि उन्हें पढ़ने में आनंद नहीं आता
चार– 65 %प्रतिभागियों का मानना था कि जिन उत्पादों का विज्ञापनसेलेब्रिटी करते हैं, वह अधिक विश्वसनीय होते हैं।
पांच– 65 % विद्यार्थियों ने कहा कि जब वे किसी सेलेब्रिटी से अपनी तुलना करते हैं तो पहनावे और चाल-ढाल सहित अपनी छवि के बारे में वे खराब महसूस करते हैं
छह– 72% किशोरों ने बताया कि मीडिया में वे जो कुछ देखते हैं, उससे प्रभावित होकर वे उत्पाद खरीदते हैं
सात– 62 % विद्यार्थियों ने कहा कि फैशन के ताजा चालचलन का वह दबाव महसूस करते हैं
आठ– 64 % विद्यार्थियों को तब बुरा लगता है जब उनके पसंदीदा प्रतिभागियों को वोट के जरिए बाहर कर दिया जाता है।
नौ– 97 % प्रतिभागियों ने माना कि मीडिया साक्षरता से विद्यार्थियों को सामाजिक दुनिया को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी