औरैयाः मौसम का उतार-चढ़ाव मधुमेह और हृदय रोगियों के लिए दुश्वारी का सबब बनता जा रहा है। धूप तो निकल रही है लेकिन सुबह और शाम की ठंडी हवा मरीजों का मिजाज बदल रही है। मधुमेह और हृदय रोगियों के लिए ये मौसम घातक साबित हो सकता है। जिला अस्पताल व निजी अस्पतालों में मधुमेह और हृदय रोगियों की भीड़ लगी है। चिकित्सक उन्हें खानपान में बदलाव करने के साथ ही रात में कम खाने की भी सलाह दे रहे हैं।इसके साथ ही उन्हें हलकी सी भी चुभन होने पर फौरन ब्लड प्रेशर चेक कराने की सलाह दे रहे हैं। डा. पीके कटियार ने बताया कि ठंड में एकदम बाहर निकलना खतरे से खाली नहीं है। अगर आप सुबह में टहलने जाते हैं तो सूरज निकलने पर ही घर से बाहर निकले।
निकलने से पहले ये करें
टहलने के लिए कमरे से एकदम बाहर न निकलें। कुछ देर बरामदे में ठहरे जिससे शरीर बाहर के कम तापमान को सहन कर सके। अपने कमरे से एकदम खुले में जाएंगे तो परेशानी हो सकती है।
सिर पर पर टोपी, जूते-मोजे और कान ढककर निकलें।
पानी की बोतल साथ लेकर चलें। यह न सोचें कि ठंड में प्यास नहीं लगती है।
मधुमेह रोगी हैं तो बिस्कुट साथ लेकर जाएं। ठंड में जल्दी सो जाने से भूख जल्दी लगती है।
धीरे-धीरे चलना शुरू करें, फिर गति बढ़ाए। एकदम से दौड़ना सेहत के लिए नुकसानदायक होगा।
टहलकर वापस आते समय धीरे-धीरे चलकर आएं।
ये करें काम
खिड़की-दरवाजे पर मोटे कपड़े के पर्दे लगाएं।
बेड दीवार से सटा है तो उसे थोड़ा दूर करें, क्योंकि बाहरी दीवारें बहुत ठंडी होती हैं।
शरीर और बिस्तर गर्म रखने के लिए रूम हीटर से बढ़िया हॉट वाटर का इस्तेमाल करें।
घर में आग जलाने से पहले रोशनदान खुला होना चाहिए, नहीं तो दम घुट सकता है।