उत्तर प्रदेश का शिक्षा विभाग घोषणाओं के मशहूर होता जा रहा प्राइवेट स्कूलों की फीस पर लगाम लगाने की कार्ययोजना सामने आई है तो अब प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों को इंग्लिश माध्यम में तब्दील करने की योजना परवान चढ़ सकती है.यूपी सरकार प्रदेश में गरीब और ग्रामीण बच्चों को शहरी पब्लिक स्कूल के बच्चों की तरह स्मार्ट बनाने की कार्ययोजना पर काम कर रही है इसीलिए शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए और गरीब बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कराने के लिए 5000 अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोलने की तैयारी कर रही है.
इसके लिए इसके लिए सरकार ने हर ब्लाक स्तर पर पांच सरकारी स्कूलों को चयन करने का जिम्मा बेसिक शिक्षा विभाग को दिया है.
चुने गए गए 5 स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कराई जाएगी इसके लिए शिक्षकों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसमें प्रशिक्षित शिक्षक निदेशालय पर अलग-अलग समय पर आकर प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे. अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में प्राइवेट कॉन्वेंट की तरह पढ़ाई की जा सकेगी जिससे गरीब बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने की मदद मिल सकेगी.
योगी सरकार का मानना है कि पढ़ाई में तो गांव, देहात और कस्बों के बच्चे शहरी बच्चों से आगे या बराबर जरूर होते हैं लेकिन अंग्रेजी ना बोल पाना या अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई का ना होना सबसे बड़ी बाधा होती और उनके कैरियर को पंख नहीं लगा पाता. योगी सरकार की यह सोच न सिर्फ सुर्खियां बटोर रही है बल्कि तारीफ भी खूब बटोर रही है क्योंकि ये उत्तर प्रदेश ही है जो राजनीतिक तौर पर अंग्रेजी के विरोध का गवाह भी रहा है.