सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी से 18 फरवरी सुबह आठ बजे जेल के दो सिपाहियों को चकमा देकर भागा विचाराधीन बंदी रोहित गिरफ्तारी के पश्चात शुक्रवार शाम चार बजे 80 घंटे बाद जेल में वापस लाया गया। यहां वह विशेष निगरानी में रहेगा। न उससे कोई मिल पाएगा और न वह किसी और से। ऐसे बैरक में रखा जाएगा, जहां से वह हाता तक ही आ पाएगा। बिना अनुमति हाता से निकलना नामुमकिन होगा। दो तालों की निगरानी में उसका अगला हर पल बितेगा।
रोहित कुमार अस्पताल से भागा तो पैदल ही बाहर आया। किसी से लिफ्ट ली और रुद्रपुर पहुंचा। यहां से रामपुर का सफर भी इसी तरह से किया। रात, खुले में बिताई। मांगकर खाना खाया। किसी तरह से 19 फरवरी की रात टांडा उज्जैन पहुंचा। यहां उसे अपने जानने वाले से रुपये लेने थे। रकम मिल जाती तो वह और आगे निकल जाता। किसी ने काशीपुर पुलिस को सूचना दे दी और 20 फरवरी की शाम वह गिरफ्तार कर लिया गया।
शुक्रवार को उसे ऊधमसिंह नगर के न्यायालय में पेश किया गया। वहां से शाम चार बजे वह जेल लाया गया। जेल में ऐसे बैरक में रखा गया है, जहां से वह किसी अन्य से संपर्क नहीं कर पाएगा। बैरक में ताला लगा होगा। यहां से निकलकर वह हाता तक ही आ सकता है। ताला बंद हाता से निकलना मुश्किल होता है। यह अधिकारियों की मर्जी से ही खुलता है।
बंदी रोहित को जेल में विशेष निगरानी में रखा जाएगा। उस पर नजर रखने के लिए सभी को निर्देश दिए गए हैं। -प्रमोद कुमार, जेल अधीक्षक
यह था मामला
ऊधमसिंह नगर की बाजपुर रोड स्थित रामपुरम काॅलोनी निवासी मुकेश कुमार के यहां 23 जनवरी को चोरी हुई थी। आईटीआई थाना की पुलिस ने अगले ही दिन चैती गांव निवासी रोहित कुमार को पकड़ा और चोरी का सामान भी बरामद किया। उसे 25 जनवरी को जेल लाया गया था। 18 फरवरी को बीमार होने पर उसे जेल के सिपाही पवन गुसाईं और खेम सिंह एसटीएच लेकर आए। यहां से वह भाग गया। लापरवाही पर दोनों सिपाही निलंबित हुए। बाद में पवन गुसाईं को सितारगंज तो खेम सिंह को चमोली स्थानांतरित किया गया था। बृहस्पतिवार रात काशीपुर पुलिस ने उसे धर दबोचा था।
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