यूपी में 60 हजार रिक्त पदों पर जल्द शुरू होंगी समूह 'ग' भर्ती
यूपी में 60 हजार रिक्त पदों पर जल्द शुरू होंगी समूह 'ग' भर्ती

यूपी में 60 हजार रिक्त पदों पर जल्द शुरू होंगी समूह ‘ग’ भर्ती

लखनऊ। लगभग नौ महीने बाद प्रदेश में समूह ‘ग’ भर्तियों की राह फिर खुली है। प्रदेश सरकार ने सोमवार को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन कर दिया है। 1981 बैच के पूर्व आइएएस चंद्र भूषण पालीवाल आयोग के अध्यक्ष बनाए गए हैं। उनके साथ ही 1983 बैच के आइएएस अरुण कुमार सिन्हा, वाणिज्य सेवा के पूर्व अधिकारी हृदय नारायण राव, मुरादाबाद में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सीमा रानी, बलरामपुर में डिग्री कालेज से सेवानिवृत्त डॉ. ओंकार प्रसाद मिश्र, व कासगंज में डिग्री कालेज के सेवानिवृत्त शिक्षक डॉ. अशोक कुमार अग्रवाल को सदस्य बनाया गया है।यूपी में 60 हजार रिक्त पदों पर जल्द शुरू होंगी समूह 'ग' भर्ती

योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष राज किशोर यादव ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद एक सदस्य को छोड़ अन्य सदस्यों ने भी त्यागपत्र दे दिए थे। उस समय अधीनस्थ सेवा आयोग में 11 हजार रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही थी, जिस पर नई सरकार ने रोक लगा दी थी। सपा सरकार में नियुक्तियों को लेकर आयोग पर गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगे थे जिसकी जांच भी चल रही है।

वैसे तो सरकार ने आयोग के पुनर्गठन की प्रक्रिया कई महीने पहले शुरू कर दी थी, लेकिन इसमें विलंब होता रहा। अध्यक्ष व सदस्य पदों के लिए बड़ी संख्या में अवकाश प्राप्त प्रशासनिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं व समाज के अन्य वर्ग से आवेदन आए थे। योगी सरकार ने इनमें साफ छवि वाले पूर्व आइएएस चंद्रभूषण पालीवाल को चुना। पालीवाल को सपा सरकार में नगर विकास का प्रमुख सचिव बनाया गया था।

आजम खां के चलते उन्हें वहां से हटाकर राजस्व परिषद भेज दिया गया था। मई 2014 में वह रिटायर हुए थे। उल्लेखनीय है कि आयोग में सदस्यों के आठ पद हैं। इनमें सदस्य बबिता लाठर को छोड़ अन्य सभी पद रिक्त चल रहे थे। पांच सदस्यों की नियुक्ति होने के बाद अभी भी दो पद रिक्त हैैं। सूत्रों का मानना है कि सरकार सदस्यों की संख्या बढ़ाने का इरादा भी नहीं कर रही है क्योंकि नियुक्तियों में साक्षात्कार खत्म होने के बाद अधिक सदस्यों की जरूरत नहीं महसूस की जा रही।

अधूरी भर्तियों को आगे बढ़ाना पहली प्राथमिकता : पालीवाल

नए अध्यक्ष चंद्रभूषण पालीवाल ने सोमवार को ही अपना पदभार ग्रहण कर लिया। उन्होंने कहा कि अधूरी भर्तियों को आगे बढ़ाना उनकी प्राथमिकता होगी। आयोग में 24 हजार भर्तियों की प्रक्रिया पहले से ही चल रही थी। इसमें आने वाली बाधाओं को दूर करके पारदर्शी तरीके से नियुक्ति दी जाएगी। ऐसी भर्तियों में कुछ में लिखित परीक्षा हो चुकी है, कुछ में इंटरव्यू शेष है और कुछ में प्रयोगात्मक परीक्षाएं। अध्यक्ष ने बताया कि इसके अलावा विभिन्न विभागों से बीस हजार अधियाचन और आए हैैं। अधियाचन आने का सिलसिला जारी है और लगभग साठ हजार पदों पर नियुक्तियां जल्द ही होंगी।

यह पूछे जाने पर कि कितने दिनों में विज्ञापन जारी हो जाएगा, उन्होंने कहा कि इस बाबत एक हफ्ते बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। पहले चरण का विज्ञापन जल्द ही घोषित किया जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आयोग में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं रहेगी। यदि लोगों को यह भरोसा हो जाएगा कि नियुक्तियां साफ-सुथरी ढंग से हो रही हैैं तो भ्रष्टाचार स्वत: ही समाप्त हो जाएगा। साक्षात्कार खत्म होने से भी भ्रष्टाचार रुकेगा। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि नियुक्तियों की प्रतीक्षा कर रहे युवाओं को जल्द ही नौकरियां हासिल हो जाएं।

कोई अनुभवी नौकरशाह तो कोई शिक्षाविद

अधीनस्थ सेवा आयोग के नए अध्यक्ष व सदस्यों किसी को लंबा प्रशासनिक अनुभव है तो कोई लंबे समय से शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय है। सरकार ने चयन में स्वच्छ छवि को प्राथमिकता दी है। अध्यक्ष व सदस्यों के परिचय इस प्रकार हैैं-

चन्द्रभूषण पालीवाल-अध्यक्ष

1981 बैच के उत्तर प्रदेश संवर्ग के सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी पालीवाल की शैक्षिक योग्यता एमटेक, एमबीए हैं। वह उन्नाव, शाहजहांपुर के जिलाधिकारी, भूमि सुधार निगम के प्रबंध निदेशक, मुख्यमंत्री कार्यालय, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में सचिव, परिवहन आयुक्त, प्रमुख सचिव नगर विकास आदि पदों पर रहे। भारत सरकार में उन्होंने संयुक्त सचिव, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, मुख्य सतर्कता अधिकारी, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पदों पर काम किया। पालीवाल उप्र राजस्व परिषद के सदस्य पद से सेवानिवृत्त हुए।

हृदय नारायण राव- सदस्य

इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी एवं एमए हृदय नारायण राव का चयन सम्मिलित राज्य सेवा प्रतियोगिता परीक्षा, 1974 के द्वारा असिस्टेंट कमिश्नर बिक्रीकर के पद पर हुआ। लगभग 37 वर्ष के सेवाकाल में वह बिक्रीकर/वाणिज्यकर विभाग के विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे हैं तथा सदस्य, वाणिज्यकर अधिकरण लखनऊ के पद से सेवानिवृत्त हुए।

डॉ. सीमा रानी-सदस्य

डॉ. सीमा डीएके कॉलेज, मुरादाबाद में शिक्षा विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। उनकी शैक्षिक योग्यता एमए, एमएड, पीएचडी, डीलिट है। उनके कई शोध पत्रों का विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन हुआ है।

डॉ. ओंकार प्रसाद मिश्र-सदस्य

डॉ. ओंकार प्रसाद मिश्र, एमएलपीजी कॉलेज, बलरामपुर के प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त हैं। 13 वर्ष से अधिक समय तक उन्होंने स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्राचार्य के पद पर रहते हुए प्रशासकीय दायित्वों का निर्वहन किया। उनके प्राचार्य काल में महाविद्यालय को यूजीसी के सातों कम्पोनेन्ट में ‘ए गे्रड मिला था।

अरुण कुमार सिन्हा-सदस्य

अरुण कुमार सिन्हा 1983 बैच के उत्तर प्रदेश संवर्ग के सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी हैं। उनकी शैक्षिक योग्यता बीएससी इंजीनियरिंग, एमटेक, एमबीए एवं एलएलबी है। वह जिलाधिकारी गोंडा, सीतापुर, मऊ, रायबरेली, मथुरा, बाराबंकी व लखनऊ और मंडलायुक्त, झांसी, फैजाबाद के पद पर रहे। वह मुख्यमंत्री कार्यालय में सचिव समेत कई विभागों में प्रमुख सचिव रहे। सिन्हा अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के पद से सेवानिवृत्त हुए।

डॉ. अशोक कुमार अग्रवाल- सदस्य

डॉ. अशोक कुमार केएपीजी कॉलेज, कासगंज के व्यवसाय प्रशासन विभाग (वाणिज्य संकाय) के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हुए। उनकी शैक्षिक योग्यता एमकॉम, पीएचडी है। उनके पास 38 वर्ष का अध्यापन का अनुभव है। उनके द्वारा वाणिज्य क्षेत्र में कई शोध पत्रों एवं पुस्तकों का प्रकाशन किया गया है। 

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