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इस संशोधन से ईपीएफओ के सब्सक्राइवर अपने ईपीएफ अकाउंट का इस्तेमाल मकान के लिए गए लोन की ईएमआई देने में कर सकेंगे। ईपीएफ के प्रस्तावित प्रावधानों के मुताबिक इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए सब्सक्राइवरों को एक को-ऑपरेटिव सोसाइटी बनानी होगी, जिसमें कम से दस सदस्य होने चाहिए।
श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि सरकार ने ईपीएफ स्कीम, 1952 में संशोधन का फैसला किया है। दत्तात्रेय ने बताया कि दस सदस्यों वाली को-ऑपरेटिव या हाउसिंग सोसाइटी के ईपीएफ सदस्य मकान या फ्लैट खरीदने के समय या रहने वाले मकान की मरम्मत या साइट अधिग्रहण के समय डाउनपेमेंट के लिए पीएफ की 90 फीसदी रकम निकाल सकते हैं।