विश्लेशकों का मानना है कि रजनी-कमल का राजनीति में कदम रखना उस दौर के राजनीतिक परिदृश्य जैसा है। जिसमें रजनी एमजीआर और कमल कमल सिवाजी हैं। द्रविड़ के विद्वान आर कन्नन का मानना है कि तमिलनाडु में अभिनेता रजनीकांत के पास प्रशंसकों का एक बहुत बड़ा वर्ग है। खास बात यह है कि वो जनता के लिए सुलभ, साधारण और एक सरल शख्स माने जाते हैं। वहीं कमल शानदार और ईमानदार व्यक्ति हैं लेकिन राजनीति में पार पा पाना उनके लिए कठिन चुनौती साबित होगा।
गौरतलब है कि रजनीकांत के रजनीकांत के राजनीतिक दल का गठन कर तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में उतरने की घोषणा के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उनसे काफी उम्मीदे लगाए हुए है। फिलहाल भाजपा रजनीकांत को फरवरी में होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अपने समर्थन में प्रचार करने के लिए मनाने की कोशिश में जुटी है। अगर रजनीकांत ने कर्नाटक चुनाव में प्रचार करने पर हामी भरी तो लगातार बदल रही तमिलनाडु की राजनीति में एक और बड़ा बदलाव नजर आ सकता है। इससे पहले तमिलनाडु में दशकों से पैर जमाने की कोशिश कर रही भाजपा कई बार उन्हें पार्टी में शामिल होने का न्योता दे चुकी है।