न्यूयॉर्क। आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच लंबे समय से चल रहे युद्ध पर विराम लग लग गया है। 29 दिनों के बाद दोनों देश के प्रतिनिधियों ने सीजफायर पर सहमति जताई है। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने इसका ऐलान किया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस फैसले का स्वागत किया है।
संयुक्त राज्य अमेरिका, अर्मेनिया और अजरबैजान ने संयुक्त बयान में घोषणा करते हुए कहा कि पहले से जारी मानवीय संघर्ष विराम समझौता सुबह 8 बजे प्रभावी होगा। आर्मीनिया और अजरबैजान दुनिया के नक्शे में दो छोटे से देश हैं, लेकिन इन दो देशों के बीच नागोर्नो काराबाख को लेकर 27 सितंबर को दोबारा से जंग शुरू हो गई थी। दोनों देशों के बीच मध्यस्थता के लिए रूस और अमेरिका ने अपनी तरफ से प्रयास किए थे।
डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करते हुए कहा कि आर्मीनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिन्यान और अजरबैजान के राष्ट्रपति इलहाम अलीयेव को बधाई। दोनों सीजफायर के पालन के लिए मान गए हैं जो आधी रात से प्रभाव में आ गया है। कई जीवन बच जाएंगे। मुझे मेरी टीम माइक पोंपियो, स्टीव बेगन और नैशनल सिक्यॉरिटी काउंसिल पर इस डील के लिए गर्व है।
सितंबर से जारी ताजा संघर्ष में नागोर्नो-काराबाख के 729 सैनिक मारे जा चुके हैं, वहीं 36 नागरिकों को भी जान से हाथ धोना पड़ा है। अजरबेजान ने कहा है कि उसके 61 नागरिक मारे गए हैं लेकिन अपने सैन्य नुकसान के बारे में उसने कुछ नहीं बताया है। दोनों पक्ष एक-दूसरे के नागरिक ठिकानों पर भी हमले कर रहे हैं जिससे नागरिकों को जान-माल का भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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