अफगानिस्तान में 19 साल से जारी खूनी संघर्ष के खत्म होने के आसार बढ़ गए हैं। तालिबान ने कहा कि अमेरिका के साथ जनवरी के आखिर तक समझौते पर हस्ताक्षर करने का लक्ष्य है। इसके लिए आतंकी गतिविधियों को कम किया जाएगा। पाकिस्तानी अखबार डॉन ने तालिबान के प्रमुख प्रवक्ता सुहैल शाहीन के एक बयान के हवाले से यह खबर दी है।

इसके पहले इसी आतंकी संगठन के सूत्रों ने बताया था कि संक्षिप्त संघर्ष विराम का प्रस्ताव दिया गया है। इस प्रस्ताव के बाद कतर की राजधानी दोहा में अमेरिका और तालिबान के बीच वार्ता शुरू हुई है।
शाहीन ने कहा, ‘अमेरिका के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर के लिए हम कुछ दिनों के लिए अपनी गतिविधियों में कमी लाने पर सहमत हुए हैं। तालिबान को इस माह के आखिर तक अमेरिका के साथ समझौते पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।’ अमेरिका शांति वार्ता बहाल करने के लिए तालिबान से हिंसा कम करने की मांग कर रहा था।
अमेरिका और तालिबान के बीच दिसंबर 2018 से दोहा में वार्ता चल रही थी। लेकिन इस वार्ता में कई बार उतार-चढ़ाव देखने को मिला। गत सितंबर में जब दोनों पक्ष समझौते के करीब पहुंच गए थे, तब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तालिबान के हमले में एक अमेरिकी सैनिक की मौत पर यह वार्ता रद कर दी थी।
इसके बाद गत दिसंबर में वार्ता फिर पटरी पर लौटी। लेकिन अफगानिस्तान में एक अमेरिकी सैन्य अड्डे के पास आतंकी हमले के बाद वार्ता रुक गई थी। इस हमले के बाद से ही अमेरिका संघर्ष विराम की मांग कर रहा था।
वाशिंगटन, । मेरिका के दौरे पर पहुंचे पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शुक्रवार को अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोंपियो से मुलाकात की।
इस दौरान पोंपियो ने अफगान संकट का राजनीतिक और शांतिपूर्ण हल निकालने के प्रयास में पाकिस्तान की कोशिश की तारीफ की। कुरैशी अमेरिका पहुंचने से पहले ईरान और सऊदी अरब भी गए थे। उन्होंने इन देशों के नेताओं के साथ हुई चर्चा के बारे में पोंपियो की जानकारी दी।
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