15 अगस्त को लंका फतह कर विराट ब्रिगेड दे सकती है सबसे बड़ा तोहफा

15 अगस्त को लंका फतह कर विराट ब्रिगेड दे सकती है सबसे बड़ा तोहफा

विराट ब्रिगेड श्रीलंका की धरती पर ‘क्लीन स्वीप’ के लिए तैयार है. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर टीम इंडिया के पास इतिहास रचने का बेहतर मौका है. सीरीज का आखिरी टेस्ट 12 से 16 अगस्त तक पल्लेकेल में निर्धारित है. अगर भारतीय टीम इस टेस्ट को चार दिनों में समेट देती है, तो वह बड़ी उपलब्धि हासिल कर लेगी. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में टीम इंडिया पहली बार 15 अगस्त को भारतवासियों को जीत का तोहफा दे सकती है. ऐसा इसलिए भी संभव है क्योंकि विराट ब्रिगेड वर्तमान सीरीज के शुरुआती दोनों टेस्ट चार-चार दिनों में ही खत्म करने में कामयाब रही है.15 अगस्त को लंका फतह कर विराट ब्रिगेड दे सकती है सबसे बड़ा तोहफा

भारतीय टीम ने स्वतंत्रता दिवसपर पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच कम ही खेले हैं. इससे पहले तक वह पांच बार 15 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल चुकी है. और ये पांचों बार टेस्ट मैच रहे. इनमें से तीन तो इंग्लैंड के ओवल में, जबकि दो टेस्ट गॉल में खेले गए. हालांकि इनमें से पहला टेस्ट स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले खेला गया था.

इसके बाद से 70 सालों में भारतीय टीम मौजूदा पल्लेकेल टेस्ट मैच से पहले तक चार टेस्ट मैचों के दैरान इस खास अवसर पर क्रिकेट मैदान में दिखी. पिछले कुछ सालों में भारती टीम ने श्रीलंका दौरे के दौरान अगस्त महीने में कई मैच खेले हैं. इग्लैंड में तो भारतीय टीम के कई मुकाबले 15 अगस्त से पहले खत्म हुए.

भारत की अच्छी शुरुआत, धवन और राहुल क्रीज पर

 आइए जानते हैं 15 अगस्त को टीम इंडिया ने कब-कब टेस्ट मैच खेले-

 15-18 अगस्त 1936, विरुद्ध इंग्लैंड- ओवल

विजनगरम के महाराज (विज्जी) की कप्तानी में ब्रिटेन के अधीन भारत के यह दौरा काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा था. लॉर्ड्स में सीरीज का पहला टेस्ट हारने के बाद मैनचेस्चटर का दूसरा टेस्ट भारत ड्रॉ कराने में कामयाब रहा था. ओवल में खेला गया तीसरा टेस्ट कप्तान की सनक की वजह से चर्चा में रहा. कप्तान विज्जी की सीके नायडू से नहीं पटती थी. विज्जी ने उस टेस्ट में बाका जिलानी को इसलिए डेब्यू कराया था क्योंकि उस खिलाड़ी ने सीके नायडू को अपमानित कर विज्जी को खुश कर दिया था.इंग्लैंड ने पहले खेलते हुए वॉली हेमंड के दोहरे शतक की बदौलत 471/8 का विशाल स्कोर खड़ा किया. 222 रन पर ऑलऑल आउट होने को बाद भारत ने सीके नायडू के 81 रनों के सहारे फॉलोऑन पारी में 313 रन बनाए. आखिरकार इंग्लैंड ने जीत के लिए आवश्यक 64 रन बनाकर वह टेस्ट 9 विकेट से जीत लिया.

14-18 अगस्त 1952, विरुद्ध इंग्लैंड- ओवल

विजय हजारे की कप्तानी में 0-3 से पिछड़ रही भारतीय टीम ने सीरीज का आखिरी टेस्ट ओवल में खेला था. इंग्लैंड ने 326/6 रनों पर अपनी पहली पारी घोषित कर दी थी. जवाब में भारतीय टीम ने 49 रन पर पांच विकेट गंवा दिए थे. बारिश प्रभावित इस टेस्ट में वह 98 रन पर ऑल आउट हो गई. लगातार बारिश की वजह से उस टेस्ट का परिणाम नहीं निकल पाया और भारत 0-4 से व्हाइट वॉश से बच गया.

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