उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में 10 साल की मासूम के साथ एक सप्ताह पहले दुष्कर्म होने का मामला सामने आया है। दुष्कर्म का आरोप एक सिपाही पर लगा है, जो विधायक का गनर है। आरोप है कि परिजनों ने अगले दिन पुलिस को सूचना दी, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं हुई। बाद में पीड़ित परिजनों ने मामले की जानकारी रामानांद सरस्वती पुस्तकालय की निदेशिका एवं समाजसेवी हिना देसाई को दी। उनके हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।
आजमगढ़ जिले के रौनापार थाना क्षेत्र के गांव का एक व्यक्ति महाराष्ट्र के नासिक में नौकरी करता है। पत्नी बच्चों के साथ गांव में रहती है। 27 अप्रैल की रात 10 बजे उनकी 10 साल की बेटी घर की छत पर सो रही थी। आरोप है कि पड़ोस का सिपाही जो सिद्धार्थनगर जिले में एक विधायक के गनर के रूप में तैनात है, वह छत पर आ गया।
इस दौरान सिपाही ने मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद धमकी देते हुए छत से कूदकर फरार हो गया। बच्ची ने परिजनों को इसकी जानकारी दी। जब पीड़ित परिजन शिकायत करने आरोपी के घर पहुंचे तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी। परिजनों ने अगले दिन पुलिस को मामले की जानकारी दी। आरोप है कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज न कर मामले को लटका दिया और पीड़ितों को इधर-उधर की बातों में फंसा कर दौड़ाने लगी।
परिजन शनिवार को समाजसेवी हिना देसाई के पास पहुंचे। उन्होंने बताया कि हमारी सुनवाई नहीं हो रही है। हिना देसाई ने एसपी को मामले की जानकारी दी और एसओ से बात की। इसके बाद पुलिस ने परिजनों से तहरीर लेकर शनिवार रात को मामले में आरोपी सिपाही प्रविंद्र सिंह पुत्र जय सिंह के खिलाफ रेप और पास्को एक्ट की धाराओं में एफआईआर दर्ज की।
एसपी ग्रामीण एनपी सिंह ने बताया कि तहरीर मिली है। आरोपी के खिलाफ एफआईआर की गई है। बच्ची का मेडिकल और बयान दर्ज कराया जा रहा है। पुलिस की टीम उसकी गिरफ्तारी के लिए सिद्धार्थनगर के लिए रवाना हुई है। इसके बाद आरोपी सिपाही पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।