अमेरिका और पनामा ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से आग्रह किया है कि हैती में बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए 5,550 सदस्यों वाले एक नए अंतरराष्ट्रीय बल को मंजूरी दी जाए और इस बल को गिरोहों के सदस्यों को हिरासत में लेने की शक्ति भी दी जाए। दोनों देशों ने यूएनएससी के सामने एक मसौदा रखा है, जिसमें हैती में पहले से तैनात केन्या के अगुवाई वाले बल को बदलने की बात कही गई है। समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
राजधानी के 90 फीसदी हिस्से पर कब्जा कर चुके गिरोह
सबसे पहले केन्या के सैनिक जून 2024 में हैती पहुंचे थे। बल में शुरुआत में सैनिकों की संख्या ढाई हजार होनी थी, लेकिन फंड की कमी के कारण इस संख्या को फिहलाल एक हजार से भी कम रखा गया है। हैती में 2021 में राष्ट्रपति जोवेनेल मोइज की हत्या के बाद से गिरोहों की ताकत काफी बढ़ गई है। ये गिरोह अब राजधानी पोर्ट-ओ-प्रिंस के नब्बे फीसदी हिस्से पर कब्जा कर चुके हैं और गांवों तक अपना नेटवर्क फैला चुका हैं। इन गिरोहों के सदस्य लूटपाट, अपहरण, यौन हिंसा और दुष्कर्म जैसे अपराधों में शामिल हैं। राष्ट्रपति की हत्या के बाद से हैती में कोई निर्वाचित राष्ट्रपति नहीं है।
छह पन्नों के मसौदे में क्या कहा गया?
छह पन्नों के मसौदे में हैती का धन्यवाद किया गया है कि उसने इस अंतरराष्ट्रीय बल का नेतृत्व किया, लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की फरवरी में कही गई बात को दोहराया गया है कि यह बल गिरोहों के बढ़ते प्रभाव को रोकने में विफल रहा है, इसलिए इसे और मजबूत करने की जरूरत है। अमेरिका की कार्यवाहक राजदूत डोरोथी शीया ने 28 अगस्त को कहा था कि अमेरिका एक नए गिरोह दमन बल के लिए संयुक्त राष्ट्र की मंजूरी चाहता है। यह मसौदा प्रस्ताव कहता है कि यह नया बल हैती सरकार के सहयोग से एक साल तक काम करेगा और उसे गिरोहों के जुड़े लोगों को पकड़ने और हिरासत में लेने की शक्ति होगी।
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