हांगकांग पर अमेरिकी कानून पर भड़का चीन

हांगकांग में प्रदर्शनकारियों के समर्थन करने वाले हांगकांग मानवाधिकार एवं लोकतंत्र अधिनियम, 2019 बिल पर अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के हस्‍ताक्षर के बाद चीन ने गुरुवार को अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजिंग ने कहा कि अमेरिका को जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए। चीनी विदेश मंत्रालय का यह बयान हांगकांग के मानवाधिकार और लोकतंत्र अधिनियम पर हस्ताक्षर करने के कुछ ही घंटों बाद आया है।

हांगकांग कानून अंतरराष्‍ट्रीय कानूनों का उल्‍लंघन

चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिकी कानून अंतरराष्‍ट्रीय कानून और अंतरराष्‍ट्रीय संबंधों को नियंत्रित करने वाले बुनियादी मानदंडों का गंभीर उल्‍लंघन है। यह अमेरिका का अडि़यल रवैया है चीन इसका पुरजोर विरोध करता है। अमेरिका की यह एक घिनौनी हरकत है। इस कानून के जरिए वह चीन को भयभीत करना चाहता है। चीन के विदेश विभाग ने कहा है कि अमेरिकी कानून हांगकांग को चीन से विभाजित करने वाला कदम है। यह हमारी एकता एवं अखंडता पर प्रहार है। विभाग ने आश्‍वास्‍त किया कि चीन ‘वन कंट्री, टू सिस्‍टम’ के फॉर्मूले पर काम करेगा। इसके तहत 1997 में ब्रिटेन द्वारा हांगकांग चीन को सौंप दिया गया था।

हांगकांग से जुड़े दो बिलों पर ट्रंप ने किया हस्‍ताक्षर

बता दें कि बीजिंग की आपत्तियों के बावजूद ट्रंप ने बुधवार को हांगकांग में प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने वाले कानून पर हस्‍तक्षार करने के बाद हांगकांग मानवाधिकार एवं लोकतंत्र अधिनियम, 2019 बिल (Hong Kong Human Rights and Democracy Act) कानून बन गया है। यह कानून मानवाधिकारों के उल्‍लंघन पर प्रतिबंधों का उपबंध करता है। कांग्रेन ने एक दूसरा बिल भी पार‍ित किया है, जिसमें ट्रंप ने भी हस्‍ताक्षर किए हैं। इसके तहत भीड़ नियंत्रण की गतिविधियों जैसे आंसू गैस, काली मिर्च, रबर बुलेट और स्‍टन गल को हांगकांग पुलिस के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। चीन इसी कानून का विरोध कर रहा है।

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