पटना। आजकल के दौर में युवाओं के द्वारा हवा वायरस फैला है हवा में प्यार करने की एक प्रथा सी बन चुकी है। जिसके चक्कर में पड़कर युवा अपनी जिंदगी के साथ-साथ कैरियर भी खत्म कर ले रहे हैं। आप सोच रहे होंगे कि हवा मे कैसे प्यार किया जा सकता है। तो हम आपको बताते हैं। आजकल के दौर में युवाओं द्वारा बिना देखे सुने मोबाइल पर बात करते हुए दिल दे देना तो आम बात हो गई है।
लेकिन सोशल मीडिया के जरिए भी युवाओं द्वारा पहले दोस्ती फिर प्यार और आंखें चार होने के बाद शादी के सपने बुनते हुए घर बसाने की इच्छा में आजकल की युवा पीढ़ी हवा में चल रहे इस वायरस से घायल होकर जहां कैरियर चौपट करते हैं वही अपनी जिंदगी भी खतरे में डाल लेते हैं।
इस वायरस के चपेट में ज्यादातर आती है मासूम लड़कियां
हवा में चल रहे इस प्यार के वायरस से अधिकांशतः मासूम लड़कियां फंसती हैं। जो इस प्यार के चक्कर में शादी करने के सपने देखते हुए साथ जीने मरने की कसमें खाती हैं। लेकिन हवा में किए हुए प्यार के साइड इफेक्ट से वह इतना ग्रसित हो जाती है कि अपने आप पर हो रहे शारीरिक और मानसिक अत्याचार को चुप-चाप सहन करने पर मजबूर हो जाती हैं।
इनमें कुछ ऐसी लड़कियां होती हैं जो इस गलती की वजह से मानसिक तनाव से ग्रसित हो जाती हैं तो कुछ चुप चाप इसे सहन करते हुए अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेती हैं। सोशल मीडिया के जरिए प्यार कर अपना घर बसाने का सपना देखना बड़ा ही घातक साबित होता है। उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर प्यार करने का एक ताजा मामला राजधानी पटना में प्रकाश में आया है। जिसमें लड़की के द्वारा फेसबुक के जरिए एक दूसरे से प्यार करने का तथा घर बसाते हुए जीने मरने की कसमें खाने का सपना देखा गया था। अपने प्यार से मिलने लड़की जब पटना पहुंची तो उसके साथ जो हुआ उसे सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी। अपने प्रेमी के द्वारा बताए हुए जगह पर जैसे ही लड़की पहुंची तो पहले से इंतजार कर रहे तथाकथित प्रेमी से उसकी मुलाकात हुई।
सोशल मीडिया के जाल में फंसते युवा
सोशल मीडिया के जरिए बातचीत की शुरुआत होते ही यह बातचीत का सिलसिला कब प्यार में बदल जाता है यह पता नहीं चलता। फिर प्यार के बाद आगे का सिलसिला चालू होता है। साथ ही इस चक्कर में पड़ने से कई बार युवा गलत संगत के शिकार हो जाते हैं तो कई बार अपनी जीवन तबाह कर लेते हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से कई ऐसे एकाउंट्स चलाए जा रहे हैं जिसमें तरह-तरह के लोग और आतंकवादी संगठन एक्टिव रहता है। जो आसानी से युवाओं को अपने जाल में फंसा लेता है। एक बार उसके जाल में फंसने के बाद युवा चाह करके भी बाहर नहीं निकल पाते हैं।