हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के एमबीबीएस छात्रों के आज लिखित में बयान लिए जाएंगे। कॉलेज की दो टीमें पूरे मामले की जांच करेंगी। भविष्य में इस तरह की घटनाएं नहीं हों इसे लेकर भी कॉलेज प्रबंधन नए सिरे से रणनीति बनाने की तैयारी में है।

ब्वॉयज हॉस्टल में स्टूडेंट्स के बाल काटने का मामला थमता नहीं दिख रहा है।
रविवार को छुट्टी होने की वजह से मामले की जांच आगे नहीं बढ़ सकी। जबकि सोमवार को कॉलेज प्रबंधन की अनुशासन समिति व एंटी रैगिंग कमेटी बैठक करेंगी। जिसके बाद सभी सीनियर व जूनियर छात्रों से बयान लिए जाएंगे। बयान के आधार पर ही कमेटी एक्शन लेगी।
हैरानी की बात यह है कि करीब दो हफ्तों से ज्यादा समय से जब स्टूडेंट्स बाल काटे हुए कतारों में कॉलेज में यहां से वहां गुजर रहे थे तब हॉस्टल व कॉलेज प्रबंधन ने इस मामले को गंभीरता से क्यों नहीं लिया?
गले नहीं उतर रही छात्रों की बात: कॉलेज प्रबंधन ने मामले में रैगिंग से साफ इनकार कर दिया। छात्रों की तरफ से रैंगिग संबंधी किसी भी तरह की शिकायत से इनकार किया। इधर बाल कटवाने वाले छात्रों ने गर्मी व सिर में डैंड्रफ होने की बात कही है। कुछ छात्रों को ऐसी समस्या हो, यह तो समझा जा सकता है लेकिन एक साथ पूरे बैच को इस तरह की परेशानी होना, किसी के गले नहीं उतर रहा है।
रैगिंग को लेकर कॉलेज प्रशासन सख्त है। रैगिंग को लेकर पूर्व में पूरे हॉस्टल में दिशा निर्देश देते हुए कड़े कदम उठाने की बात कही गई है। छात्रों की तरफ से कोई शिकायत नहीं है लेकिन फिर भी मामले में दो समितियां इसकी जांच करेंगी। जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई होगी। इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों इसके लिए भी नियम कायदे बनाए जाएंगे। डॉ. अरुण जोशी, प्राचार्य, मेडिकल कालेज हल्द्वानी
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