जिला प्रशासन और मातृसदन के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने के बाद अब मातृसदन की ओर से जिलाधिकारी दीपक रावत और उनके गनर के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में वाद दायर किया है।
अदालत ने प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए वादी ब्रह्मचारी दयानंद को 27 जनवरी को बयान दर्ज कराने का आदेश दिया है। ब्रह्मचारी दयानंद की ओर से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दाखिल किए वाद में डीएम दीपक रावत व उनके गनर पर ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद की हत्या के प्रयास, मारपीट करने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और अवैध रूप में हिरासत में रखने के आरोप लगाए हैं।
वादी ब्रह्मचारी दयानंद का कहना है कि अनशन पर बैठे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को सात दिसंबर को उपजिलाधिकारी मनीष कुमार सिंह द्वारा उठवाया गया और फिर उनकी हत्या की कोशिश की।